बॉलीवुड में 53 सालों से 70 भाषाओं में गाना गाने वाली मशहूर पॉप सिंगर ऊषा उत्थुप की कामयाबी के किस्से तो आपने बहुत सुने होंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऊषा उत्थुप ने अपने करियर की शुरुआत कहां से की थी. कैसे शुरुआती दिनों में नाइट क्लब में गाना गाकर खुदको इस काबिल बनाया कि वह आज इस फिल्मी दुनिया का जाना माना चेहरा बन चुकी हैं. आज उनकी दमदार आवाज उनकी पहचान बन चुकी है. जहां आज की जनरेशन के सिंगर केवल एक या दो भाषा में गाना गाकर खुद को सबसे ज्ञानी मान बैठे हैं, वहीं ऊषा उत्थुप 70 भाषाओं में गाना गाकर भी आज भी उसी लगन के साथ अपने दर्शकों से जुड़ती नजर आती हैं. 

 

उनकी आवाज ही उनकी पहचान है, या ये कहे कि बंद कमरे में अंधेरा होने के बाद भी अगर उषा अपनी आवाज में गाएं तो भी दर्शक उन्हें पहचान जाएंगे. एबीपी आइडियाज ऑफ इंडिया समिट में उषा जी ने अपनी बायोग्राफी को लॉन्च किया है. इस बुक में आपको उनके हर एक स्ट्रगल की कहानी पढ़ने को मिलेगी. द क्वीन ऑफ इंडियन पॉप के नाम से पुकारे जाने वाली उषा उत्थुप के बुक का टाइटल भी यही रखा गया है.

 


 

लगातार परफॉर्मेंस देने के बाद दर्शकों के मिले रिस्पांस से उषा उत्थुप की आंखें नम हो गईं. अपने शुरुआती दिनों को याद कर उषा उत्थुप कहती हैं कि जब मैं नाइट क्लब में गाना गाया करती थी, और स्टेज पर परफॉर्म किया करती थी यह सब इसलिए मुमकिन था क्योंकि लोग मुझे सुनना पसंद करते थे. वह मेरे पास आते थे और कहते थे कि क्या आप हमारे लिए गाना गा सकती हैं. साथ ही  उन्होंने किस्सा बताया कि जब शान के लिए उन्होंने गाना गाया था तो उस गाने के लिए मेकर्स कोई एक्ट्रेस नहीं ढूंढ पाए जो उषा जी की आवाज में फिट बैठ सके. साथ ही उन्होंने बताया की वो एक अकेली महिला सिंगर हैं जिन्होंने बॉलीवुड एक्टर मिथुन चक्रवर्ती के लिए गाना गाया है.