कभी 25 कमरों वाले बंगले में रहने वाले इस एक्टर को किस्मत ने दिया था जोर का झटका, चॉल में गुजारी ज़िंदगी और यहीं हो गई मौत!
भगवान दादा के साथ सबकुछ ठीक चला लेकिन इसके बाद समय ने पलटी मारी और भगवान दादा की लाइफ में कुछ ऐसा हुआ जिसने एक्टर को अर्श से फर्श पर ला दिया.
बात आज अपने ज़माने के मशहूर एक्टर रहे भगवान दादा की, जो ना सिर्फ अपनी बेहतरीन एक्टिंग बल्कि पर्सनल लाइफ के लिए भी जाने जाते हैं. जी हां, भगवान दादा का जन्म अमरावती के एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था, हालांकि कहते हैं कि भगवान दादा अपने दौर के अमीर स्टार्स में से एक थे. आज हम भगवान दादा की ही बात करेंगे और उनसे जुड़ी बेहद रोचक बातें आपको बताएंगे जो शायद इससे पहले आपने कभी ना सुनी हों.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भगवान दादा 25 कमरों के घर में रहा करते थे. यह घर मुंबई के पॉश इलाके जुहू में हुआ करता था. यही नहीं, महंगे आलीशान घर के साथ ही भगवान दादा को लग्ज़री गाड़ियों का भी शौक था. कहते हैं भगवान दादा के पास एक दो नहीं बल्कि सात-सात गाड़ियां थीं और वे हर दिन एक नई गाड़ी से चलते थे. यहां तक तो भगवान दादा के साथ सबकुछ ठीक चला लेकिन इसके बाद समय ने पलटी मारी और भगवान दादा की लाइफ में कुछ ऐसा हुआ जिसने एक्टर को अर्श से फर्श पर ला दिया.
असल में भगवान दादा ने अपनी पूरी जीवन पूंजी को दांव पर लगाकर एक फिल्म ‘हंसते रहना’ का निर्माण शुरू किया था. इस फिल्म में भगवान दादा ने किशोर कुमार को मुख्य भूमिका में लिया था.
ख़बरों की मानें तो यही भगवान दादा की सबसे बड़ी गलती थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किशोर कुमार के नखरों के चलते यह फिल्म पूरी ही नहीं हो सकी जिसका खामियाजा भगवान दादा को उठाना पड़ा था. कहते हैं इस फिल्म को बनाने में ही भगवान दादा की पूरी कमाई ठिकाने लग गई और वे बेहद तंगहाली में आ गए. भगवान दादा का अंतिम समय मुंबई की एक चॉल में बेहद तंगहाली में गुजरा था और यहीं उनकी मौत हो गई थी.
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