लॉकडाउन के बीच हाईवे पर इन दिनों दर्द का अंतहीन सिलसिला चल रहा है. रोजी-रोटी के संकट के बीच प्रवासी मजदूर किन भयानक हालातों में अपने घरों को लौट रहे हैं. प्रवासी मजदूरों के इस पलायन पर अभिनेत्री माहिका शर्मा ने चिंता जताई है. माहिका ने कहा है कि मजदूरों को पलायन करने के बजाए जहां हैं वहीं रहना चाहिए. हम भारतीय हैं और पूरा भारत हमारा घर है. माहिका ने सरकार से भी पलायन कर रहे मजदूरों को सुरक्षा और सुविधा देने की अपील की.


माहिका शर्मा का कहना है, "मुझे समझ में नहीं आता है कि प्रवासी मजदूर और छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर घर वापस क्यों जा रहे हैं. उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. हमें स्थिति के सामान्य होने तक शांति से प्रतीक्षा करने की आवश्यकता है. मुझे लगता है कि सरकार को इस मामले को देखना चाहिए. यात्रा के दौरान उनकी मृत्यु की खबर चौंकाने वाली हैं."


माहिका ने कहा, ''लोग अपने घरों की ओर क्यों जा रहे हैं. हम भारतीय हैं और पूरा भारत हमारा घर है. इसलिए जान को दांव पर क्यों लगाना? क्या राज्य सरकारें उन्हें सुरक्षा और सुविधा पहुंचाने में असमर्थ हैं?"


माहिका ने कहा, ''यह बात सही है कि मजदूरों के सामने रोगजार और रहने की समस्या है. लेकिन हम इस वक्त एक बहुत बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं. इसके लिए सबको मिलकर काम करना होगा. बीच में एक कमजोर कड़ी पूरी लड़ाई को कमजोर कर सकती है. इसलिए मजदूरों को पलायन करने के बजाए जहां हैं वहीं रहना चाहिए.''


माहिका ने मजदूरों को लेकर सरकार से भी अपील की. उन्होंने कहा, ''मजदूरों की समस्याओं को देखते हुए सरकार को उनके लिए बड़े कदम उठाने चाहिए. गांव से आए यह मजदूर ही हैं जो बड़े बड़े शहरों को बनाते हैं. अगर यह सभी गांव वापस लौट गए तो फिर शहर की नींव हिल जाएगी. इसलिए इनके रहने, खाने और रोजगार के लिए सरकार को बेहतर इंतजाम करने चाहिए.''


दो परिवारों की मदद के लिए लिया था गोद

अभिनेत्री माहिका शर्मा फिलहाल ब्रिटेन में रह रही हैं. हाल ही में माहिका ने दो परिवारों की मदद करने का फैसला किया था. इसके लिए उन्होंने इन परिवारों को गोद लिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक माहिका ने मुंबई के दो परिवारों के राशन, मेडिकल और अन्य जरूरी चीजों का कुछ समय के लिए खर्चा उठाएंगी.


उन्होंने आगे कहा, ''लॉकडाउन में मैं लंदन में फंसी हुई हूं. मुंबई में मुझे मेरे परिचतों से दो ऐसे परिवारों के बारे में पता चला जिन्हें मदद की सख्त जरूरत थी. मैंने इसकी पूरी जानकारी ली. इसके बाद मैंने इन दो परिवारों का एक साल का खर्च उठाने का फैसला किया.''