Afghanistan Crisis: तालिबान के कब्जे में आने के बाद अफगानिस्तान के हालात भयावह स्तर पर पहुंच चुके हैं. ऐसे हालातों के बीच जो भारतीय वहां फंसे हुए हैं वो खौफ में हैं. टीवी एक्ट्रेस नुपुर अलंकार की बहन के पति कौशल अग्रवाल भी उन्ही में से एक है. 50 साल के कौशल अग्रवाल उनकी छोटी बहन जिज्ञासा के पति हैं और वो बिजनेस के सिलसिले में 16 जुलाई को अफगानिस्तान गए थे. उनकी वापसी 15 अगस्त को होनी थी, लेकिन उसी दिन तालिबान ने काबुल को कब्जे में लेकर पूरे देश पर कब्जा कर लिया. अब वो अफगानिस्तान में ही फंस गए हैं.
ईटी से हुई एक्सक्लूसिव बातचीत में कौशल ने जो बताया है वो सुनकर किसी का भी कलेजा कांप उठेगा. उन्होंने कहा कि "यहां के हालात बहुत डरावने हैं. मैं 16 जुलाई को यहां काम के सिलसिले में आया था. तब सब कुछ ठीक था. किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि हालात इतनी जल्दी बदल जाएंगे. मेरा प्लान 15 अगस्त को भारत वापस आने का था लेकिन काम की वजह से मैने दूतावास से अपने वीजा को 30 अगस्त तक बढ़वा लिया."
कुशल अब कंधार में फंसे हुए हैं और अपने दोस्त के दफ्तर में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि "यहां बिजली बहुत कटती है. दिन में मुश्किल से 2-3 घंटे ही बिजली आती है. पानी की सप्लाई का भी कुछ पता नहीं है. हम तीन दिन में एक बार नहा पाते हैं. मैं अपने फोन को भी कार की बेटरी से चार्ज कर पाता हूं. उन लोगों ने सभी मोबाइल नेटवर्क को शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक रोकने का आदेश दिया है. इसलिए हम 6 बजे से पहले या सुबह 6 बजे के बाद ही बात कर सकते हैे. तालिबानियों को कंधार की सड़को पर पेट्रोलिंग करते हुए देखा जा सकता है,जो बहुत बैचेन करने वाला है. मैं यहां फंस गया हूं और वापस अपने परिवार के पास लौटना चाहता हूं, मैंने भारतीय दूतावास को भी मेल किया लेकिन वहां से कोई रिप्लाई नहीं आया है. मुझे फ्लाइट लेने के लिए यहां से काबुल जाना है, लेकिन मुझे पता नहीं कि मैं वहां कैसे पहुंच पाउंगा."
इधर में मुंबई में कौशल का परिवार बहुत परेशान है और अधिकारियों से बात करने की कोशिश कर रहे हैं. नुपुर ने बताया कि "शुक्र है कि हम उनसे फोन पर बात करने में सफल रहे और उन्होंने बताया कि वो सेफ हैं. हम बहुत दहशत की स्थिति में हैं. हमने उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि अभी तक तो सेफ हूं आगे देखते हैं. हम दिन रात उनकी सलामती की दुआ कर रहे हैं. मुझे याद है जब वो वहां पहुंचे थे तो वो यहां के लोगों के कल्चर और कपडो़ं को लेकर बात कर रहे हैं एक महीने में ही हालात पूरी तरह बदल गए हैं."
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