सिर्फ 7 महीने चली Rekha और Mukesh Aggarwal की शादी, पति की मौत के बाद मिला था 'वैम्प' का तमगा
70 और 80 के दशक की गोल्डन गर्ल, रेखा (Rekha) एक ऐसी एक्ट्रेस हैं, जिनकी लव लाइफ अभी भी कई लोगों के लिए एक रहस्य है. अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) से अलग होने के बाद उनकी बिजनेसमैन मुकेश अग्रवाल के साथ रहस्यमयी शादी के बारे में खूब चर्चे हुए थे.....
70 और 80 के दशक की गोल्डन गर्ल, रेखा (Rekha) एक ऐसी एक्ट्रेस हैं, जिनकी लव लाइफ अभी भी कई लोगों के लिए एक रहस्य है. अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) से अलग होने के बाद उनकी बिजनेसमैन मुकेश अग्रवाल के साथ रहस्यमयी शादी के बारे में खूब चर्चे हुए थे. रेखा की ओटोबायोग्राफी, 'रेखा: द अनटोल्ड स्टोरी' में उनकी जिंदगी से जुड़े कई किस्सों के बारे में विस्तार से बताया गया है.
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जब अमिताभ बच्चन ने रेखा का दिल तोड़ दिया तब उनकी मुलाकात मुकेश अग्रवाल से हुई. मुकेश अग्रवाल दिल्ली के एक सफल बिजनेसमैन थे और रेखा के बहुत बड़े फैन भी. रेखा अक्सर दिल्ली में अपनी दोस्त और मशहूर फैशन डिजाइनर बीना रमानी से मिलने आती-जाती रहती थीं. एक बार रेखा ने बीना से अपना घर बसाने की इच्छा जताई थी. रेखा ने कहा कि अब वो अपनी जिंदगी में ऐसा शख्स चाहती हैं जो उनसे प्यार करे, शादी करे और अपना सरनेम दे. वो बीना रमानी ही थी, जिन्होंने पहली बार रेखा को मुकेश अग्रवाल से मिलवाया था. एक दिन बीना ने रेखा को फोन किया उनके फैन मुकेश के बारे में बताया. बीना ने रेखा से पूछा कि 'क्या मैं तुम्हारा फोन नंबर उसे दे दूं?'. तो रेखा ने कहा कि 'उसका नंबर मुझे दे दो'.
शुरुआत में, रेखा भी मुकेश अग्रवाल से बात करने के पक्ष में नहीं थीं, लेकिन बीना के बार-बार समझाने के बाद रेखा ने पहला कदम उठाया और मुकेश को मिलने के लिए बुलाया. पहली ही मुलाकात में मुकेश रेखा की कर्कश आवाज़ के दीवाने हो गए थे. उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि लाखों लोग जिस एक्ट्रेस को प्यार करते हैं उस रेखा ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया है. पहली मुलाकात के बाद रेखा और मुकेश के बीच बातचीत होने लगी. उसके 1 महीने के बाद रेखा और मुकेश बॉम्बे में मिले. ग्लैमर की दुनिया के नकली ढोंग से, रेखा को मुकेश की ईमानदारी और सादगी अच्छी लगने लगी. वहीं मुकेश ने भी रेखा को लुभाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी.
4 मार्च, 1990 को मुकेश ने रेखा को शादी का प्रस्ताव दिया और उन्होंने तुरंत हां कर दी और कहां चलो शादी कर लेते हैं. कुछ घंटों के भीतर, दोनों ने उसी दिन शादी करने का फैसला कर लिया. शाम के समय रेखा ने पारंपरिक आभूषणों के साथ अपनी पसंदीदा लाल रंग की कांजीवरम साड़ी पहनी और जुहू में एक मंदिर की तलाश में निकल पड़े. वहां एक मंदिर में पहुंच कर शादी कर ली. शादी होने के बाद, 15 अप्रैल, 1990 को रेखा और मुकेश ने अपनी मां पुष्पावल्ली की उपस्थिति में सभी रस्मों के साथ तिरुपति मंदिर में एक बार फिर शादी की.
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रेखा मुकेश के साथ वक्त बिताने के लिए अक्सर दिल्ली आया करती थीं. मुकेश को ग्लैमरस पार्टियां पसंद थीं, वहीं रेखा इससे दूर रहना चाहती थी. कुछ समय बाद, रेखा अपने आपको को किसी ट्रॉफी पत्नी की तरह महसूस करने लगी थीं. साल 1990 में, दुनिया भर में वित्तीय संकट आया जिसकी वजह से मुकेश का बिजनेस घाटे में चला गया जब रेखा को पता चला, तो वो बहुत परेशान हुई, उनके रिश्ते में दरारें पहले से आ चुकी थीं और रेखा का दिल्ली आना-जाना भी कम हो गया था. रेखा की अनुपस्थिति से परेशान होकर, मुकेश ने उन्हें फिल्मों में काम करने से रोकना चाहा. मुकेश का व्यवहार हर दिन रेखा के लिए खराब हो रहा था. मुकेश डिप्रेशन की दवाइयों पर थे और रेखा इससे अनजान थीं. रेखा ने मुकेश और उसके परिवार से दूरी बनाने का फैसला किया और यहां तक कि उन्होंने मुकेश का फोन भी उठाना बंद कर दिया था. 2 अक्टूबर, 1990 को, मुकेश ने रेखा के दुपट्टे से गले में फंदा लगाकर अपनी जान ले ली. रेखा और मुकेश की शादी केवल 7 महीने तक चली थी. मुकेश की मृत्यु के बाद, हर कोई रेखा को एक 'वैम्प' के रूप में
देखने लगा था और उन्हें ही मुकेश की आत्महत्या के लिए दोषी ठहराया रहा था.
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