मुम्बई : कई लोकप्रिय फिल्मों और सीरियलों में काम कर चुकीं अभिनेत्री शगुफ्ता अली इन दिनों बीमार और लाचार हैं. पिछले चार साल से उन्हें न तो किसी फिल्म में काम मिला है और न ही वो किसी सीरियल में नजर आईं हैं. ऐसे में शगुफ्ता के पास न तो अपना घर चलाने के लिए पैसे हैं और न ही अपना और अपनी बूढ़ी मां के इलाज के लिए पैसे हैं.
बीमार हालत में फोन पर एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए शगुफ्ता ने अपनी दर्द भरी कहानी सुनाई. उन्होंने कहा, "पिछले 6 सालों से मैं गंभीर किस्म के डायबिटीज का शिकार हूं जिसका असर मेरे दोनों पैरों पर दिखने लगा है. पैरों में हमेशा तरह-तरह की तकलीफ रहती है. आंखों की रौशनी पर भी डायबिटीज का असर होने लगा है. पिछले चार सालों से किसी तरह का कोई काम नहीं मिलने की वजह से कह सकते हैं कि मेरे लिए महामारी बहुत पहले ही आ गई थी."
36 साल पहले एक्टिंग की दुनिया में कदम रखनेवाली 54 साल की शगुफ्ता अपनी बूढ़ी मां और अपनी कजिन की बेटी के साथ मुम्बई में रहती हैं. पिता और भाई की मौत पहले ही हो चुकी है. जिससे शादी का इरादा किया था, उस शख्स की मौत भी 8 साल पहले ही हो चुकी है. ऐसे में बीमार और आर्थिक तंगी से परेशान शगुफ्ता अली पिछले कुछ सालों में अपनी कार और गहने बेचने पड़े.
शगुफ्ता कहती हैं, "एक वक्त में मेरे पास बहुत काम हुआ करता था और मैं काफी बिजी रहा करती थी. मगर मुझे कभी इतने बुरे दिन देखने पड़ेंगे, मैंने यह कभी सपने में भी नहीं सोचा था."
शगुफ्ता ने भावुक होकर इस बात का भी खुलासा किया कि एक वक्त वे ब्रेस्ट कैंसर का शिकार थीं और उनका ये कैंसरे तीसरे स्टेज तक पहुंच गया था मगर उस वक्त उन्होंने बड़ी हिम्मत से काम लिया और एक सरवाइवर साबित हुईं. शगुफ्ता ने कहा कि उन्होंने कैंसर की बीमारी के बारे में अपने करीबी दोस्तों के अलावा कभी किसी से जिक्र नहीं किया. शगुफ्ता बताती हैं कि कैंसर से पीड़ित होने के बावजूद भी वो लगातार काम करती रहीं और खुद को हमेशा व्यस्त रखा.
अपने एक्टिंग करियर में और भी कई दफा हादसों और बीमारियों का शिकार हो चुकीं हैं. शगुफ्ता 22 साल पहले अस्पताल में भर्ती अपने बीमार पिता से मिलने के लिए जाते वक्त एक रोड एक्सीडेंट का शिकार हो गईं थीं जिसके उनके एक हाथ की हड्डियां टूट गईं थीं और उनके हाथ में रॉड डालनी पड़ी थी. कई तरह के हादसों में शगुफ्ता के पैर भी कई बार प्रभावित हुए. मगर शगुफ्ता ने कभी हौसला नहीं छोड़ा.
शगुफ्ता कहती हैं, "तमाम हादसों के बीच मैं लगातार काम करती रहती रही और अपने इलाज के लिए पैसे खर्च करती रहती थी. मगर काम नहीं मिलने के चलते अब मेरे लिए खुद अपना इलाज करवाना और घर चलाना मुश्किल हो गया है." शगुफ्ता बताती हैं कि उनकी बीमार और बूढ़ी मां भी डायबिटीज, आर्थराइटिज और घुटनों की समस्या से जूझ रही हैं और उनके इलाज के लिए भी पैसों की सख्त जरूरत है मगर काम बंद हो जाने के चलते उन्हें कहीं से कोई आसरा नजर नहीं आ रहा है.
शगुफ्ता कहती हैं, "आज से पहले मैंने अपनी खराब माली हालत बारे में सिर्फ तीन लोगों को ही बताया था. और वो तीन लोग कौन हैं? एबीपी न्यूज़ के इस सवाल पर उन्होंने कहा, " नीना गुप्ता, सुमित राघवन और सुशांत सिंह." वो बताती हैं कि इन तीनों ने समय-समय पर काफी मदद भी की. चूंकि तीनों मेरे अच्छे दोस्त हैं तो मैंने इन तीनों के अलावा किसी को भी अपनी परेशानियों के बारे में कभी कोई बात नहीं की और न ही कभी किसी और से कोई मदद मांगी."
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