बॉलीवुड सुपस्टार देव आनंद ने 60 और 70 के दशक में अपार सफलता हासिल की. आज उन्हीं से जुड़ा एक किस्सा आपको बताते हैं. दरअसल, देव आनंद की एक फिल्म के गाने की शूटिंग चल रही थी, शॉट खत्म होते ही पीछे भीड़ में खड़ी एक लड़की की जोर से आवाज आई, 'लवली शॉट'...
जैसे ही देव आनंद ने उस लड़की की तरफ देखा तो वो दौड़ती हुए उनके पास आकर ऑटोग्राफ मांगने लगती है. उस खूबसूरत लड़की को देव आनंद मना नहीं कर पाए. लड़की ने ऑटोग्राफ बुक देव आनंद को दे दी. उन्होंने देखा कि ये तो पूरी खाली है. देव आनंद ने कहा, 'तुम्हारी बुक में सिर्फ मेरे ही ऑटोग्राफ होंगे.' ये सुनकर लड़की ने कहा, 'ये ऑटोग्राफ बुक मैंने आपके लिए ही खरीदी है.' देव आनंद ने भी ऑटोग्राफ देने में देर नहीं लगाई.
देव आनंद ने उस लड़की से बात की तो उसने बताया कि मैंने अभी-अभी मिस फोटोजेनिक का खिताब जीता है. ये सुनकर देव आनंद ने कहा, 'फिर तो तुम भी अपना ऑटोग्राफ मुझे दे दो.' देव साहब की बातें सुनकर लड़की हंसने लगी. इसके बाद देव आनंद ने उस लड़की से पूछा, 'आगे क्या करना चाहती हों, क्या कभी फिल्मों में काम करने के बारे में सोचा है.' लड़की ने कहा- कभी नहीं.
इसके बाद देव साहब ने पूछा, 'अगर तुम्हें फिल्म के लिए स्क्रीन टेस्ट देने के लिए कहूं तो?' लड़की ने इंटरेस्ट दिखाते हुए कहा, 'आप कहते हो तो ठीक है.' देव आनंद ने उस लड़की को स्क्रीन टेस्ट के लिए बुलाया. उस दिन 2 और लड़कियों का स्क्रीन टेस्ट था लेकिन चुना गया उस ऑटोग्राफ वाली लड़की को, जिसका नाम था टीना मुनीम (Tina Munim).
जिस फिल्म के लिए टीना मुनीम का ऑडीशन हुआ था वो थी 'देस-परदेस'. इसके बाद टीना धीरे-धीरे बॉलीवुड स्टार बन गई. उन्होंने अपने करियर में 'बातों बातों में', 'रॉकी', 'कर्ज' ,'सौतन', 'पुकार', 'आखिर क्यों?' जैसी कई शानदार फिल्मों में काम किया.