शाम के बाद Madhubala के पिता नहीं करने देते थे शूटिंग, कई और भी बंदिशों में बिताया जीवन, छोटी बहन ने खोले कई राज़
मधुबाला के चाहने वालों को यह दुख रहा है कि इस खूबसूरती की मल्लिका को 36 साल की उम्र में ऊपर वाले ने अपने पास बुला लिया. 23 फरवरी 1969 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था.
मधुबाला ने अपने जीवंत किरदारों से फिल्म जगत में एक अनोख़ी पहचान बनाई थी. बेजोड़ एक्टिंग और सादगी के लिए मशहूर मधुबाला आज ही के दिन यानी 23 फरवरी 1969 को इस दुनिया को अलविदा कह गईं. महज 36 साल की जिंदगी में उन्होंने अपनी अदाकारी और खूबसूरती से ऐसा जलवा बिखेरा जो आज तक कायम है. मुगलिया शान-ओ-शौकत दिखाती ‘मुगल-ए-आजम’ हो या फिर किशोर कुमार और बंधुओं के हास्य से भरी ‘चलती का नाम गाड़ी’, मधुबाला के दिलकश और शोख अंदाज ने इन फिल्मों को यादगार बना दिया. मधुबाला दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत मानी जाती हैं.
एक इंटरव्यू के दौरान मधुबाला की छोटी बहन ने अपनी बड़ी बहन को लेकर कई राज खोले और बताया कि, ‘हमारे पिता जी बहुत ज्यादा सख्त थे. शाम को 6 बजे के बाद घर से बाहर नहीं जाना और शूटिंग करने के लिए भी नहीं जाना है. अगर हमें या मधुबाला को शूटिंग के लिए जाना है तो सुबह 9 बजे से लेकर शाम को 6 बजे तक का ही समय होता था. घर में कोई मेहमान नहीं आने देते थे और न ही हमें किसी से मिलने देते थे. मुधबाला हमारे लिए सिर्फ एक बहन नहीं थीं बल्कि हमारी मां जैसी थीं.’
वहीं मधुबाला का नाम ज्रिक आते ही सबसे पहले उनकी खूबसूरती की ज़हन में आती है. मधुबाला थी ही इतनी खूबसूरत आज भी उनके अभिनय और सुपरहिट गानों के लिए याद किया जाता है. आपको बता दें, उनकी मौत उनके दिल में छेद की वजह से हुई थी. दिल में छेद हाने की बीमारी का इलाज उस वक्त अपने शुरुआती दौर में था लेकिन इसका इलाज डॉक्टर निकाल नहीं पाए थे. मधुबाला इस बीमारी से मरना नहीं चाहती थी शायद इसी लिए उन्होंने इस बीमारी को 9 सालों तक झेला और फिर उसके बाद इस दुनिया को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह गईं.