बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन से बॉलीवुड में एक बार फिर नेपोटिज्म को लेकर बहस छिड़ गई है. बॉलीवुड के प्रशंसक और बाहरी लोग सोशल मीडिया पर आलिया भट्ट, अनन्या पांडेय, सोनम कपूर, सोनाक्षी सिन्हा और अर्जुन कपूर सहित स्टार किड्स पर हमला कर रहे हैं. साथ ही वे फिल्म मेकर करण जौहर को नेपोटिज्म को बढ़ावा करने वाले को लेकर उनकी आलोचना कर रहे हैं.
आलिया की मां व अभिनेत्री सोनी राजदान ने आखिरकार विवादों को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा, "आज जो भाई-भतीजावाद कर रहे हैं और जिन्होंने इसे शुरू किया है, एक दिन उनके भी बच्चे होंगे और अगर वे उद्योग में आना चाहेंगे तो क्या वे उन्हें ऐसा करने से रोकेंगे?"
राजदान का यह पोस्ट निर्देशक हंसल मेहता के ट्वीट के जवाब में आया है जिसमें उन्होंने 'नेपोटिज्म की बहस' को व्यापक बनाने की बात कही है.
मेहता ने ट्वीट किया था, "इस भाई-भतीजावाद की बहस को व्यापक बनाना होगा. मेरिट सबसे ज्यादा मायने रखती है. मेरे बेटे को मेरी वजह से दरवाजे पर कदम रखने का मौका मिला. और क्यों नहीं. लेकिन वह मेरे सबसे अच्छे काम का एक अभिन्न हिस्सा रहा है क्योंकि वह प्रतिभाशाली, अनुशासित, मेहनती है और मेरे जैसे ही मूल्यों को साझा करता है. सिर्फ इसलिए नहीं कि वह मेरा बेटा है."
उन्होंने आगे लिखा था, "वह फिल्में बनाएगा इसलिए नहीं कि मैं उन्हें प्रोड्यूस करूंगा, बल्कि इसलिए क्योंकि वह उन्हें बनाने का हकदार है. उसके लड़ते रहने तक ही उसका करियर होगा. आखिरकार वह खुद अपने भविष्य का निर्माण करेगा न कि उसके पिता। मेरी परछाई उसका सबसे बड़ा लाभ और सबसे बड़ा प्रतिबंध है."