अमिताभ बच्चन का शून्य से महानायक बनने का सफर, मिले तमाम पुरस्कार लेकिन ये था करियर का सबसे बुरा दौर
दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन को कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद मुबंई के नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 77 साल की उम्र में कोरोना पॉजिटिव पाए गए अमिताभ बच्चन इस उम्र में भी अपने फैंस के बीच फिटनेस के लिए खूब लोकप्रिय हैं.
दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन को कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद मुबंई के नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस बात की जानकारी अमिताभ बच्चन ने ट्विटर के जरिए दी है. अमिताभ ने अपने ट्वीट में लिखा है कि उनके परिवार और स्टाफ का भी कोरोना वायरस का टेस्ट किया गया है, जिसकी रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है.
77 साल की उम्र में कोरोना पॉजिटिव पाए गए अमिताभ बच्चन इस उम्र में भी अपने फैंस के बीच फिटनेस के लिए खूब लोकप्रिय हैं. अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड का महानायक कहा जाता है. बिग से पहले उनके परिवार का फिल्म इंडस्ट्री से कोई ताल्लुक नहीं था. इसके साथ ही फैंस उन्हें प्यार से बिग बी भी कहते हैं. ऐसे में यहां जानिए उनका शून्य से महानायक बनने का पूरा सफर.
अमिताभ बच्चन का जन्म मशहूर साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन के घर हुआ था. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में कायस्थ परिवार में जन्मे अमिताभ बच्चन का नाम इंकलाब रखा गया था. लेकिन बाद में प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत ने इनका नाम 'अमिताभ' रखा.
ऐसे शुरू हुआ सफर माता तेजी बच्चन की थिएटर में गहरी रुचि थी और उन्हें फ़िल्म में रोल की पेशकश भी की गई थी किंतु इन्होंने गृहणी बनना ही पसंद किया. अमिताभ के करियर के चुनाव में इनकी माता का भी कुछ योगदान था क्योंकि वे हमेशा इस बात पर भी जोर देती थी कि उन्हें सेंटर स्टेज को अपना करियर बनाना चाहिए.
शिक्षा बच्चन ने दो बार एम. ए. की डिग्री ली है. मास्टर ऑफ आर्ट्स उन्होंने इलाहाबाद के ज्ञान प्रबोधिनी और बॉयज़ हाई स्कूल तथा उसके बाद नैनीताल के शेरवुड कॉलेज में पढ़ाई की जहां कला संकाय में प्रवेश दिलाया गया. अमिताभ बाद में अध्ययन करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज चले गए जहां इन्होंने विज्ञान स्नातक की उपाधि प्राप्त की. अमिताभ बच्चन ने अभिनय में अपना कैरियर आजमाने के लिए कोलकता की एक शिपिंग फर्म बर्ड एंड कंपनी में किराया ब्रोकर की नौकरी छोड़ दी थी.
करियर अमिताभ बच्चन की शुरूआत फिल्मों में वॉयस नैरेटर के तौर पर फिल्म 'भुवन शोम' से हुई थी लेकिन अभिनेता के तौर पर उनके करियर की शुरूआत फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' से हुई. इसके बाद उन्होंने कई फिल्में कीं लेकिन वे ज्यादा सफल नहीं हो पाईं. फिल्म 'जंजीर' उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. इसके बाद उन्होंने लगातार हिट फिल्मों की झड़ी तो लगाई ही, इसके साथ ही साथ वे हर दर्शक वर्ग में लोकप्रिय हो गए और फिल्म इंडस्ट्री में अपने अभिनय का लोहा भी मनवाया.
प्रसिद्ध फिल्में सात हिंदुस्तानी, आनंद, जंजीर, अभिमान, सौदागर, चुपके चुपके, दीवार, शोले, कभी कभी, अमर अकबर एंथनी, त्रिशूल, डॉन, मुकद्दर का सिकंदर, मि. नटवरलाल, लावारिस, सिलसिला, कालिया, सत्ते पे सत्ता, नमक हलाल, शक्ति, कुली, शराबी, मर्द, शहंशाह, अग्निपथ, खुदा गवाह, मोहब्बतें, बागबान, ब्लैक, वक्त, सरकार, चीनी कम, भूतनाथ, पा, सत्याग्रह, शमिताभ जैसी शानदार फिल्मों ने ही उन्हें सदी का महानायक बना दिया.
पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के तौर पर उन्हें 3 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है. इसके अलावा 14 बार उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड भी मिल चुका है. फिल्मों के साथ साथ वे गायक, निर्माता और टीवी प्रजेंटर भी रहे हैं. भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण सम्मान से भी नवाजा है
अमिताभ के करियर का बुरा दौर उनकी फिल्में अच्छा बिजनेस कर रही थीं कि अचानक 26 जुलाई 1982 को कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें गंभीर चोट लगी गई. दरअसल, फिल्म के एक एक्शन दृश्य में अभिनेता पुनीत इस्सर को अमिताभ को मुक्का मारना था और उन्हें मेज से टकराकर जमीन पर गिरना था. लेकिन जैसे ही वे मेज की तरफ कूदे, मेज का कोना उनके आंतों में लग गया जिसकी वजह से उनका काफी खून बह गया और स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि ऐसा लगने लगा कि वे मौत के करीब हैं लेकिन लोगों की दुआओं की वजह से वे ठीक हो गए.
टेलीविजन का सफर कहा जाता नब्बे का दशक ऐसा था जब इनके ऊपर बहुत कर्जा हो गया था इनकी फिल्में भी फ्लॉप हो रहीं थी. तब सन् दो हजार मे टेलीविजन शो मे होस्ट के रूप मे एक ऑफर आया, जिसे इन्होंने स्वीकार किया वह शो था “कौन बनेगा करोड़पति”. इस शो से इनके जीवन मे फिर बदलाव आया तथा तब से आज तक यह शो यही होस्ट कर रहे है. हर साल इसकी एक सीरीज आती है अभी हाल ही मे 2018 मे यह फिर से चालू होने वाला है.
राजनीति 1982 मे कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान यह गंभीर रूप से घायल हो गये थे, जिसके लिये इनके चाहने वालों ने बहुत प्रार्थना करी और यह ठीक भी हो गये पर यहाँ इन्होंने काम करना कम कर दिया. उसी बीच इनको 1984 मे संसद मे एक बॉलीवुड स्टारडम की सीट के लिये प्रस्ताव आया और उन्होंने स्वीकार भी कर लिया, पर 1987 मे बिना बात के विवाद मे फस जाने के करण इन्होंने यह सीट छोड़ दी.