रमेश सिप्पी की फिल्म ‘शोले’ को रिलीज हुए करीब 45 साल से ज्यादा हो गए हैं. आज भी लोगों के जेहन में ये फिल्म तरोताजा है. जय-वीरू की दोस्ती से लेकर बसंती-धन्नो की बॉन्डिंग तक फिल्म के हर सीन एक मेलोड्रामैटिक था. वहीं इस फिल्म में गब्बर सिंह का किरदार तो हर किसी को याद होगा ही क्योंकि 80 के दशक में हर मां अपने बच्चों को गब्बर सिंह के नाम से डराया करती थी. रमेश सिप्पी की इस फिल्म में गब्बर का किरदार अमजद खान ने अदा किया था. हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता अमजद खान ने 27 जुलाई 1992 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. अमजद खान की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी.
वहीं अमजद खान फिल्म 'शोले' में गब्बर के किरदार के लिए पहली पसंद नहीं थे. रमेश सिप्पी की इस फिल्म में गब्बर का किरदार निभाने के लिए सबसे पहले अभिनेता डैनी को संपर्क किया गया था. हालांकि अभिनेता डैनी उस समय फिरोज खान की फिल्म 'धर्मात्मा' की शूटिंग में व्यस्त थे और इस वजह से अभिनेता ने फिल्म 'शोले' छोड़ दी थी. डैनी के फिल्म छोड़ने के बाद गब्बर का रोल अभिनेता अमजद खान को मिला. सलीम खान ने फिल्म 'शोले' के लिए अमजद खान का नाम सुझाया था.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फिल्म ‘शोले’ में अमजद खान से जुड़ा एक मजेदार किस्सा भी है. वैसे तो अमजद फिल्म के सेट पर बहुत ही शानदार इंसान हुआ करते थे. वहीं उनको रियल लाइफ में चाय पीने का बहुत शौक था. वह रोज तीस कप चाय पीया करते थे और अगर उनको शूटिंग के सेट पर चाय नहीं मिलती थी तो उनके लिए काम करना बहुत मुश्किल हो जाता था. फिल्म 'शोले' में गब्बर सिंह का किरदार निभाकर अमजद खान ने दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है. आज भी उनकी गब्बर वाली भूमिका जिंदा है.