Drugs Case: बॉलीवुड में ड्रग्स कनेक्शन की जांच के दौरान नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की मुंबई यूनिट ने अभिनेता अर्जुन रामपाल के घर पर छापेमारी की थी और इस छापेमारी के दौरान एनसीबी के अधिकारियों ने उनके कुत्ते की दर्द की दवाई और उनकी बहन की ANXIETY की दवाई जप्त की थी. एनसीबी कई महीनों से बॉलीवुड में ड्रग्स के कनेक्शन की जांच कर रही है और इस दौरान अर्जुन रामपाल पर भी एनसीबी की नजर पड़ी जिसके चलते अर्जुन रामपाल को दो बार एनसीबी के कार्यालय बुलाकर पूछताछ भी की गयी.
एबीपी न्यूज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक अर्जुन रामपाल ने एनसीबी को बताया कि उनके घर से जो दो तरह की टेबलेट्स मिली है उनमें से एक टेबलेट तो उनके कुत्ते की थी जिसको वैटनरी के एक एक्सपर्ट डॉक्टर ने प्रिस्क्राइब किया था साथ ही जो दूसरी टेबलेट मिली थी वह टेबलेट उनकी बहन की थी जिसे दिल्ली के एक सायकायट्रिस्ट ने उनके ANXIETY की समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रिस्क्राइब किया था.
अपने स्टेटमेंट में अर्जुन रामपाल ने यह भी साफ कर दिया था कि उन्हें जिस शक के बिनाह पर बुलाया गया था दरअसल वह शक बेबुनियाद है. चलिए आपको शुरू से बताते हैं एनसीबी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अर्जुन रामपाल की गर्लफ्रेंड के भाई एगीसियालोस डेमीट्रिएड्स को गिरफ्तार करने के बाद एनसीबी ने जब उसके मोबाइल कि जांच की तो उसके कुछ चैट्स किसी अर्जुन नाम के शख्स से साथ मिले थे. आरोप यह है कि उन चैट्स में ड्रग्स का जिक्र था. फिर क्या 9 नवंबर को एनसीबी की टीम ने अर्जुन रामपाल के बांद्रा वाले घर यानी कि कैप्री हाइट्स में रेड कर दी.
लंबे समय तक चली रेड के बाद पुलिस को उनके घर से दो प्रकार की टैबलेट्स मिली जिसमे से पहली गोली का नाम 'ULTRACET' आपको बता दें कि यह टैबलेट आप तभी ले सकते है जब इसका स्पेसलिस्ट आपको ये प्रिस्क्राइब करे. इस टैबलेट को दो तरह के ड्रग्स 'TRAMADOL' (ISIS ड्रग्स नाम से भी जाना जाता है) और ACETAMINOPH को मिलाकर बनाया जाता है. 'ULTFACET' के एक पत्ते में कुल 15 टैबलेट्स आती है एनसीबी को उस पत्ते में बची हुई चार टेबलेट्स ही मिली थी. दूसरी टैबलेट जो अर्जुन रामपाल के घर से बरामद हुई थी उसका नाम 'CLONAZEPAM' इसमे इस्तेमाल पैमिक अटैक और ANXIETY के लिए किया जाती है. एनसीबी को इस टेबलेट के दो पत्ते बरामद हुए थे.
सूत्रों की माने तो एनसीबी को वहां वो कुछ भी नहीं मिला जिन चीजों का शक उन्हें अगिसियलोस और किसी अर्जुन नाम के शख्स के बीच हुए व्हाट्स चैट्स को पढ़ने के बाद हुआ था . आपको बता दें कि जप्त की गई दोनों ही गोलियां एनडीपीएस की धारा में आती है अगर आपके पास इनका एक्सपर्ट डॉक्टर द्वारा दिया प्रिस्क्रिप्शन न हो.
अर्जुन रामपाल के घर रेड करने के बाद एनसीबी ने उसकी गर्लफ्रेंड गैब्रिएला से 11 और 12 नवंबर को पूछताछ की. 13 नवंबर को एनसीबी ने काफी तैयारी कर रखी थी कि वे हर उस चैट्स के बारे में पूछताछ करेंगे जो उसके और अगिसियालोस के बीच हुए थे. उस दिन जैसे ही अर्जुन रामपाल एनसीबी के ऑफिस पहुचे एनसीबी के जांच अधिकारियों ने उन्हें वो चैट्स की कॉपी दिखाई और इससे पहले की वे अर्जुन रामपाल से कुछ सवाल करते , अर्जुन रामपाल ने ये कह दिया कि ये अर्जुन वो नही हैं और वो रोजाना अगिसियालोस से इतनी बातचीत भी नही करते. जिसके बाद एनसीबी ने उस नंबर की जांच किया और पाया की अर्जुन रामपाल सही कह रहे थे.
फिर एनसीबी ने दोनों टैबलेट्स के बारे में पूछताछ की जिसपर उन्होंने कहा एक (ULTRACET) उनके कुत्ते की है जिसे मुंबई के एक वैटनरी डॉक्टर ने प्रिस्क्राइब किया था तो दूसरी (CLONAZEPAM) उनकी बहन की है जिसे दिल्ली के रोहित गर्ग नाम के डॉक्टर ने प्रिस्क्राइब की थी. इसके बाद एनसीबी ने उन प्रिस्क्रिप्शन्स की जांच शुरू की और बांद्रा के वैटनरी डॉक्टर का स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया जिसमें डॉक्टर ने एनसीबी को यह बताया कि ये दवा उन्होंने अर्जुन रामपाल के कुत्ते को जून महीने में दी थी. उनके कुत्ते के जोड़ो में बहुत ज्यादा दर्द होता है और तब वो जोर जोर से चिल्लाने लगता है जिसके बाद उसे इस दवाई की बहुत जरूरत पड़ती है.
जांच में यह भी पाया गया कि जो दूसरी टैबलेट का प्रिस्क्रिप्शन है वो अर्जुन रामपाल ने बैक डेट में बनवाया गया था और इस बात के सबूत एनसीबी को दिल्ली के सायकायट्रिस्ट डॉक्टर रोहित गर्ग के स्टेटमेंट के बाद मिले. एनसीबी ने फिर अर्जुन रामपाल को 21 नवंबर को पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया और इस बार उनसे बैकडटेड प्रिस्क्रिप्शन की बात पूछी जिसपर अर्जुन रामपाल ने कहा यह दवाई उनकी नही उनकी बहन की है और उन्हें इस बारे में कुछ पता नही. एनसीबी ने अभी तक अर्जुन रामपाल की बहन से पूछताछ नही की है.
एपीबी न्यूज़ से बात करते हुए एनसीबी के बड़े अधिकारी ने बताया कि रेड के बाद ही दवा की बैकडेटेड प्रिस्क्रिप्सन बनवाई गई है, इसपर हम क्या और कैसे आगे की कानूनी करवाई कर सकते हैं उसपर हम अपने कानूनी सलाहकारों से सलाह मशवरा ले रहे हैं.
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