Avatar The Way of Water Review: जेम्स कैमरून (James Cameron) अपनी फिल्मों के जरिए जिस सिनेमाई दुनिया को रचते हैं और जिन अनूठी कहानियों को अपने लाजवाब अंदाज में बयां कहते हैं, उनकी कल्पना करना भी किसी के लिए मुश्किल साबित हो सकता है. फिल्म 'अवतार - द वे ऑफ वॉटर' (Avatar The Way of Water) ऐसी ही एक फिल्म हैं जिसे देखकर आपकी आंखें फटी की फटी रह जाएंगी. हालांकि जेम्स कैमरून 13 साल पहले अपनी ही फिल्म 'अवतार' के ज़रिए सिनेमाई पर्दे पर पैनडोरा के अनूठे संसार को एक बेहद अलहदा अंदाज में दिखाने का करिश्मा कर चुके हैं, लेकिन इस बार जंग पानी के भीतर लड़ी जाती हैं जिसे बड़े ही हैरतअंगेज ढंग से पेश किया गया है.


फिल्म का हर सीन कर देगा सरप्राइज
'अवतार - द वे ऑफ वॉटर' का हरेक सीन, हरेक फ्रेम कुछ इस खूबसूरती के साथ गढ़ा गया है कि दर्शक विस्मित यानी कि सरप्राइज हुए बिना रह पाएंगे  और फिल्म देखते वक्त उनके जेहन में बस यही ख्याल बार-बार आता रहेगा कि आखिर जेम्स कैमरून ने पैनडोरा नामक दुनिया को एक बार फिर से किस तरह से सोचा, लिखा और उसे हकीकत में उतारा होगा.


पानी के नीचे फिल्माया गया है फिल्म कहानी का बड़ा हिस्सा
जैसा कि फिल्म के नाम से ही जाहिर हो‌ जाता है कि फिल्म की कहानी का एक बड़ा हिस्सा पानी के बीच और पानी के नीचे फिल्माया गया है. वैसे तो इस तरह की ढेरों हॉलीवुड फिल्में हैं जिनमें हम सांसें रोक देनेवाले अंडर वॉटर सीक्वेंसेंस देख चुके हैं, मगर 'अवतार - द वे ऑफ वॉटर' की बात ही कुछ और है. फिल्म के अंडर वॉटर और तमाम एक्शन सीक्वेंसेंस लाजवाब है‌ं, जिन्हें बड़े ही स्टनिंग अंदाज में पर्दे पर उतारा गया है.






फिल्म में इंसानी जज्बातों की दी गई तवज्जो
बागी होकर एक नावी बन जा‌नेवाले और पैनडोरा में बस जानेवाले जैक सली से बदला लेने और पैनडोरा पर कब्जा जमाने की इस कहानी में इंसानी जज्बात को भी काफी तरजीह दी गयी है. देखा जाए तो पूरी फिल्म जैक सली और उसके परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है जिसे  डायरेक्टर जैम्स कैमरून ने बड़े ही जज्बाती ढंग से बयां किया है.


थ्री डी फॉर्मेट में देखी जानी चाहिए फिल्म
13 साल बाद रिलीज हुई फिल्म‌ 'अवतार' की सीक्वल 'अवतार - द वे ऑफ वॉटर' जैम्स कैमरून के लाजवाब इमैजिनेशन और आधुनिक टेक्नोलॉजी का ऐसा खूबसूरत संगम है कि इसे सिनेमा के बड़े पर्दे पर और हो सके तो थ्री डी फॉर्मेट में देखा जाना चाहिए. फिल्म 3.12 घंटे लम्बी है और ऐसे में फिल्म कहीं-कहीं पर नीरस होने का एहसास भी पैदा करती है, लेकिन टोटैलिटी में यह फिल्म जेम्स कैमरून का ऐसा सिनेमाई कारनामा है जिसे लम्बे समय तक तक याद किया जाएगा.


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