(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
असली कहानी से अलग है 'Bambai Meri Jaan' का यह सीन? कुख्यात डॉन मन्या सुर्वे से जुड़ा है किस्सा
Bambai Meri Jaan: कुख्यात डॉन दाउद इब्राहिम के जीवन पर कई फिल्में बनी हैं, जिसमें एक सीरीज यह भी है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे एक डोंगरी का साधारण लड़का अपराध की दुनिया का बादशाह बन जाता है.
Bambai Meri Jaan: मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर कई फिल्में बनी हैं लेकिन किसी न किसी में कुछ न कुछ ऐसा दिखाया जाता है कि लोग उसे समझ नहीं पाते हैं और असल कहानी से वह कहानी काफी अलग होती है. हाल ही में अमेजन प्राइम वीडियो पर शुजात सौदागर के निर्देशन में बनी 'बंबई मेरी जान' सीरीज स्ट्रीम हुई है. इसकी कहानी मशहूर क्राइम राइटर एस हुसैन जैदी ने लिखी है, जिन्होंने मुंबई (बंबई) माफिया पर 'डोंगरी टू दुबई' किताब लिखी है.
'बंबई मेरी जान' सीरीज में क्या है?
कुख्यात डॉन दाउद इब्राहिम के जीवन पर कई फिल्में और सीरीज बनी हैं, जिसमें एक सीरीज यह भी है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे एक डोंगरी का साधारण सा लड़का मुंबई पर राज करने की चाहत में अपराध की दुनिया का बादशाह बन जाता है.
सीरीज की कहानी है दारा कादरी (अविनाश तिवारी) की जो एक इमानदार पुलिस वाले इस्माइल कादरी (केके मेनन) का बेटा है. जो बंबई के माफिया हाजी मकबूल (सौरभ सचदेवा) और अजीम पठान (नवाब शाह) के खिलाफ होकर बंबई में अपना वर्चस्व खड़ा करने की चाहत रखता है. वहीं इस गैंगवार में उसके भाई सादिक कादरी (जतिन गुलाटी) की मौत हो जाती है, जिसके बाद वह अपना बदला लेने के लिए पठान गैंग का सफाया करता है.
इस पूरी सीरीज में कहानी वैसे ही दिखाई गई है जो कि एस हुसैन जैदी की किताब 'डोंगरी टू दुबई' में है और अधिकतर इस तरह के किस्से भी लोगों ने सुने हैं. हालांकि इस दौरान एक सीन इस सीरीज में ऐसा है जो इस सीरीज में असल कहानी से बिल्कुल अलग है.
अगर हकीकत कहानी की बात की जाए दाउद इब्राहिम के बड़े भाई शब्बीर इब्राहिम कास्कर को एक पेट्रोल पंप पर बंबई के डॉन मनोहर अर्जुन सुर्वे (मन्या सुर्वे) ने पठानों के साथ मिलकर गोलियों से भून डाला था. इस हत्या के बाद मान्या सुर्वे बंबई में सभी की नजर में आ गया था और पुलिस ने भी उसकी तलाश तेज कर दी थी.
क्या है इस सीरीज की सबसे बड़ी गलती
वहीं इस सीरीज में यह तो दिखाया गया है कि दारा के भाई सादिक को गन्या सुर्वे (सुमीत व्यास) ने एक पेट्रोल पंप पर ही मारा है लेकिन पुलिस द्वारा किया गया गन्या का एनकाउंटर इस सीरीज की कहानी को थोड़ा कमजोर बनाता है. क्योंकि इस सीरीज में जिस गन्या सुर्वे को दिखाया गया है वो असल में मन्या सुर्वे से प्रेरित है और उसका एनकाउंटर असल कहानी से बिल्कुल अलग है.
हकीकत में बंबई पुलिस के अधिकारी इशाक बागवान के नेतृत्व में 11 जनवरी 1982 को मन्या सुर्वे का एनकाउंटर किया गया था. जब मन्या अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने के लिए वडाला के आंबेडकर कॉलेज गया तो उसी समय इशाक बागवान और राजा तांबट पूरी टीम के साथ जाल बिछाए बैठे हुए थे.
इसके बाद वडाला में हुई मुठभेड़ में बंबई का डॉन मन्या सुर्वे मारा गया था. हालांकि सीरीज में गन्या का एनकाउंटर एक गोदाम में रात के अंधेरे में किया गया है जो असल कहानी से अलग जा रहा है. मान्या के एनकाउंटर के बाद बंबई पुलिस ने कई शातिर अपराधियों को अपनी गोली का शिकार बनाया था.
क्या है सीरीज में दमदार
जहां अविनाश तिवारी चंदन महतो के किरदार के बाद दारा के किरदार में जान फूंकते हैं और उनका एंग्री मैन का किरदार फिर से आग लगाता हुआ दिखाई देता है. वहीं केके मेनन का एक पिता के रोल में एक इमोशनल टच आपको सीरीज से जुड़े रहने पर मजबूर करेगा.
इसके साथ ही हाजी मकबूल के किरादार में सौरभ सचदेवा ने भी शानदर एक्टिंग की है और नवाब शाह की कद काठी उनके पठान रोल पर काफी जमती है. वहीं दारा की बहन हबीबा कादरी के रोल में कृतिका कामरा की एक्टिंग की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है.
Sultan Of Delhi Teaser: ताहिर राज भसीन ने खौफनाक रूप से लोगों को चौंकाया, मौनी रॉय ने दिखाया कमाल