कपूर खानदान का जेड़ें पाकिस्तान के पेशावर शहर से हैं. उस शहर के किस्सा ख्वानी बाजार में कपूर खानदान की हवेली जहां पर मशहूर कलाकार पृथ्वीराज कपूर का जन्म हुआ था. पेशावर की इसी हवेली में पृथ्वीराज कपूर के बेटे राज कपूर का भी जन्म हुआ था. बताया जाता है कि यह हवेली आजादी से भी पहले बनी थी और आज भी पेशावर में मौजूद है. साल 2018 में इसे एक म्यूजियम में तब्दील कर दिया गया.
भारत और पाकिस्तान के बंटवारे से पहले साल 1918 से लेकर 1922 के बीच में ‘कपूर हवेली’ का निर्माण किया गया था पृथ्वीराज कपूर के पिता बिशेश्वनाथ ने. बिशेश्वनाथ पेशे से सब इंस्पेक्टर थे. कपूर खानदान की बात करें तो उस वक्त इस खानदान में सिर्फ पृथ्वीराज कपूर ही ऐसे शख्स थे जिन्होंने एक्टिंग या कला के क्षेत्र में अपना नाम रोशन किया.
पृथ्वीराज कपूर के बाद पीढ़ी दर पीढ़ी उनके तीनों बेटे- शम्मी कपूर, शशि कपूर और राज कपूर कला की दुनिया में आगे आए और साथ ही उनकी आने वाली पीढ़ियां भी एक्टिंग में नाम रोशन करती नजर आईं.
पेशावर के किस्सा ख्वानी इलाके में मौजूद हवेली के रखरखाव की बात करें तो शुरुआत में यह हवेली 5 मंजिल थी भूकंप के चलते इस हवेली में दरारे आ गईं. जिसकी वजह से इसके 2 मंजिलों को हटाना पड़ा. हालांकि, आज भी इस हवेली की ठाठ बरकरार है. साल 1990 में जब ऋषि कपूर पेशावर गए थे तब वहां से अपने इस हवेली की मिट्टी को लेकर आए थे.
साल 2016 में ऋषि कपूर ने अपने टि्वटर हैंडल से एक तस्वीर साझा की थी इस तस्वीर में उनके भाई रणधीर कपूर नजर आ रहे हैं और यह तस्वीर उसी हवेली के सामने क्लिक गई थी.
कुछ वक्त पहले अपने एक बयान में अभिनेता ऋषि कपूर ने कहा था: “मैं 65 साल का हूं और अपने मरने से पहले एक बार इस हवेली को जरूर देखना चाहूंगा और मैं यह भी साथ में जाऊंगा कि हमारे बच्चे भी इस हवेली का दीदार करें.”
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