Mirzapur 2 के ये 10 सीन्स दर्शकों के ज़हन में लंबे समय तक ताज़ा रहेंगे
'Mirzapur 2' परिवारों, राजनीति और चुनावों के बीच संघर्ष की एक हिंसक कहानी है. इसमें श्वेता त्रिपाठी शर्मा, पंकज त्रिपाठी, अली फजल,रसिका दुग्गल और दिव्येंदु शर्मा ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं हैं.
लॉकडाउन के एक लंबे दौर के बाद रिलीज हुआ मोस्ट अवेटेड वेबसीरीज ‘मिर्ज़ापुर’ का सेकंड सीजन दर्शकों के लिए किसी ट्रीट से कम नहीं था. लोगों की उम्मीद के अनुसार, मिर्ज़ापुर के सेकंड सीजन में ना सिर्फ ज़बरदस्त ट्विस्ट देखने को मिलता है बल्कि 10 ऐसे मोमेंट्स भी आते हैं जो लंबे समय तक दर्शकों की याद में बने रहेंगे. आइए नज़र डालते हैं इस एपिक वेब सीरीज के 10 ऐसे ही मेमोरेबल मोमेंट्स पर…
1) डिम्पी और गोलू के बीच सीरीज की शुरुआत में हुई बातचीत एक यादगार लम्हा है. डिम्पी का गोलू से यह कहना कि, ‘हममें से कोई रोया नहीं अब तक’ आपको इमोशनल कर सकता है.
2) गोलू के हाथों हुआ पहला मर्डर भी एक ऐसा क्रूर लेकिन एपिक सीन है जिसके बारे में हममें से शायद ही किसी ने सोचा होगा. इस सीन में गोलू के भीतर भरी गुस्सा को देख आप भी कुछ पलों के लिए सहम सकते हैं.
3) गुड्डू द्वारा गोलू को पिस्तौल चलाने की ट्रेनिंग देना भी सीरीज का एक मजबूत सीन है. इस सीन में गुड्डू और गोलू की ज़बरदस्त बॉन्डिंग को दिखाया गया है.
4) कालीन भईया का डॉक्टर के पास जाना इस सीरीज का बेस्ट कॉमेडी सीन है. इसमें कालीन भईया अपनी बीमारी को छिपाने के लिए मकबूल को बतौर मरीज डॉक्टर के सामने पेश कर देते हैं.
5) गुड्डू और गोलू का लिपटकर रोना भी एक पल के लिए आपको इमोशनल कर देता है. दोनों ही किरदार अपने भाई- बहनों बबलू और स्वीटी को याद करके फूट-फूट कर रोते हैं. 6) त्रिपाठी की फैक्ट्री फूंकना ‘मिर्ज़ापुर’ सीरीज के एपिक सीन्स में से एक है. मिर्ज़ापुर में कालीन भईया की कट्टों की फैक्ट्री को आग के हवाले करके गुड्डू भईया यह बता देते हैं कि वह मिर्ज़ापुर वापस आ चुके हैं.
7) मिर्ज़ापुर के सीजन वन में जिन चाचा को मुन्ना ने गाली दी थी, सीरीज के सेकंड सीजन में वही चाचा अपनी बेइज्जती का बदला लेते नज़र आते हैं. मुन्ना और चाचा का यह आमना-सामना बेहद रोचक है.
8) माधुरी का खुद को सीएम घोषित करना मिर्ज़ापुर सीरीज में एक अलग ही ट्विस्ट पैदा कर देता है. यह वह सीन होता है जब कालीन भईया की सारी प्लानिंग पर एक तरह से फुल स्टॉप लग जाता है और वह खिसिया कर रह जाते हैं.
9) बीना के हाथों बाबूजी की हत्या होते देख आप एक पल को सिहर सकते हैं. इस सीन के बाद मिर्ज़ापुर वेबसीरीज एक अलग ही पड़ाव पर पहुंच जाती है.
10) शो के सबसे एपिक करैक्टर ‘मुन्ना’ की मौत भी मिर्ज़ापुर के सबसे इमोशनल सीन्स में से एक हैं. मुन्ना के जाते ही आपको ऐसा लगेगा कि वेबसीरीज मिर्ज़ापुर में एक खालीपन सा आ गया है जिसे भर पाना मुश्किल है.