भाबी जी घर पर हैं सीरियल को टीवी पर 7 साल पूरे हो गए हैं. पिछले कई सालों से शो का हर एक एपिसोड आपके लिए हंसी के फुव्वारे लेकर आता है. 'भाबी जी घर पर हैं' के किरदार विभूति नारायण यानी आशिफ शेख, तिवारी जी यानी रोहिताश्व गौड, 'अंगूरी भाबी' शुभांगी अत्रे ने लोगों के दिलों में खास जगह बना ली है. आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भाबी जी घर पर हैं 8 मार्च 2022 फुल एपिसोड का अपडेट...


इस लेटेस्ट एपिसोड की शुरुआत होती है प्रेम और विभूति से, प्रेम विभूति से कहता है कि मैं तुम्हारी ताऱीफ करता हूं कि तुमने मलखान के मुद्दे को कितना बढ़ाया है. इस पर विभूति कहता है कि प्यार और लड़ाई में सब जायज है. विभूति कहता है कि मैं सोच रहा हूं कि अब अगला कौन होगा. 


उधर अम्माजी अंगूरी को बुलाती है, अंगूरी उसके पास जाती है और आशीर्वाद लेती है. अम्माजी पूछती है कि तिवारी कहां है, अंगूरी बेडरूम में कहती है और उसे नीचे बुलाती है. तिवारी उन्हें बधाई देते हैं. अम्माजी तिवारी से कहती हैं कि अपने वकील दोस्त के पास जाओ और मेरा आधार कार्ड और पहचान पत्र बनाने के लिए कहो, मुझे नहीं मिल रहा है. अम्माजी कहती हैं कि चुनाव में भाग लेंगे इसलिए इसकी जरूरत है.


बगीचे में अंगूरी पौधों में पानी ड़ाल रही होती हैं. विभूति उनके पास जाता है और पूछता है कि आप किसका इंतजार कर रही हैं. फिर विभूति कहता है कि ओह आप चालू चिकनी चाची मैग्जीन का इंतजार कर रही है. अंगूरी कहती है, हां, मुझे यह पसंद है और जो भी इसे लिखेगा उसे चूम लूंगी. विभु शरमाते हुए पूछते हैं कि आपको सबसे दिलचस्प चीज क्या मिली. अंगूरी कहती है कि उसकी लेखन शैली. अंगूरी कहती है कि मैने अम्माजी को भी इस बारे में बताया था, लेकिन वो नाराज हो गई थी. उन्होंने कहा कि मेरे और पंडित रामपल के बारे में बातें मत करो, क्य़ोंकि वो इलेक्शन में खड़ी हो रही हैं और उनके कैरेक्टर पर सवाल नहीं उठना चाहिए. विभूति मन ही मन बोलते हैं कि मुझे नया मसाला मिल गया.






अगले दिन टिल्लू, टिका, मलखान, मास्टर , गुप्ता हर कोई मैगजीन का इंतजार कर रहे होते हैं. सब मैगजीन नहीं आती है तो टिका मलखान सप्लायर से पूछते हैं कि मैगजीन कहा हैं. सप्लायर बताता है कि अब यह मैगजीन 10 रुपए की मिलेगी, फ्री में बेचना इसकी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी थी. सभी 10 रुपये देकर इस मैगजीन को खरीदते हैं. मैगजीन में सभी अम्माजी, तिवारी और रामपाल के बारे में पढ़ते हैं, सभी तिवारी को घूरते हैं और उन पर हंसने लगते हैं. तिवारी जी शर्मिंदा हो जाते हैं.


इसके बाद विभूति अम्माजी और अंगूरी को यह मैगजीन पढ़ने के लिए देते हैं. अम्माजी गुस्से में विभूति को मारती है, अंगूरी कहती है शांत हो जाईए वह अभी पढ़ रहे हैं. अम्माजी सॉरी बोलती हैं, अंगूरी लेख पर हंसने लगती है. अम्माजी कहती हैं तुम्हें  हंसी आ रही है, अंगूरी सॉरी बोलती है. अम्माजी जैसे ही बाहर जाती हैं, सभी उन्हें देखकर चिढ़ाना शुरू कर देते हैं. अम्माजी को गुस्सा आता है और उस लेखक को मारने की धमकी देती हैं.


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