भाबी जी घर पर हैं: 'तिवारी जी' और 'अंगूरी' ने विभूति और डेविड चाचा को सिखाया सबक, डूब गए 1.5 लाख रुपये !
'भाबी जी घर पर हैं' के 4 March 2022 Episode के एपिसोड में हम देखेंगे कि किस तरह विभूति और डेविड चाचा को तिवारी जी और अंगूरी ने सबक सिखाया है.
भाबी जी घर पर हैं (Bhabi Ji Ghar Par Hai) सीरियल को टीवी पर 7 साल पूरे हो गए हैं. पिछले कई सालों से शो का हर एक एपिसोड आपके लिए हंसी के फुव्वारे लेकर आता है. 'भाबी जी घर पर हैं' के किरदार विभूति नारायण यानी आशिफ शेख (Aasif Sheikh), तिवारी जी यानी रोहिताश्व गौड (Rohitashv Gour), 'अंगूरी भाबी' शुभांगी अत्रे (Shubhangi Atre) ने लोगों के दिलों में खास जगह बना ली है. आज हम आपके लिए लेकर आए हैं Bhabi Ji Ghar Par Hai 4 March 2022 Episode का अपडेट...
आज के एपिसोड की शुरुआत होती है अंगूरी से जो कि रसोई में गाना गा रही होती है. विभूति उनके पास जाता है और कहता है मैं आपसे रिक्वेस्ट कर रहा हूं. अंगूरी विभूति जी को सिक्का पकड़ा देती है. विभूति कहते हैं कि मुझे नीलम की अंगूठी चाहिए. अंगूरी कहती है कि नहीं वो लड्डू के भईया के लिए भाग्यशाली है. विभूति कहता है कि मुझे इसकी जरूरत है. अंगूरी कहती है कि वो नहीं मानेंगे. विभूति कहता है कि मैं खरीद लूंगा. अंगूरी कहती है ठीक है मैं उनसे बात करूंगी.
अंगूरी सक्सेना और तिवारी के पास जाती है और उन्हें बताती है कि विभूति अंगूठी खरीदने के लिए तैयार है. इस पर तिवारी ने सक्सेना को अगला कदम उठाने के लिए कहा. विभु और डेविड तिवारी के घर जाते हैं, तिवारी पूछते हैं कि आप यहां क्यों हैं, डेविड कहते हैं कि विभु अंगूठी खरीदना चाहता है. तभी अंगूरी अंदर आती है और कहती है कि अगर लड्डू के भईया ने ये अंगूठी बेच दी तो मैं उनसे बात नहीं करूंगी और अगर कोई खरीदेगा तो मैं उनकी टांगें काट दूंगी.
डेविड अंगूरी से कहता है कि हमे इसकी जरूरत है. अंगूरी कहती है कि हम नहीं बेचेंगे. डेविड रिंग की प्राइस मनी बढ़ाकर 1.5 लाख रुपए कर देते हैं. विभूति डेविड चाचा से कहता है कि हमारे पास पैसे नहीं है. डेविड विभूति का धीरे से बोलता है कि हो जाएगा इंतजाम. तिवारी जी कहते हैं कि मैं एक शर्त पर ही मानूंगा कि मुझे सप्ताह में एक बार अंगूठी की जरूरत होगी. विभूति हां कर देता है.
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विभूति डेविड चाचा से कहता है कि तिवारी जी बड़ी जल्दी मान गए. डेविड चाचा कहते हैं कि इसे जल्दी से पहन लो. विभूति जैसे ही अंगूठी पहनता है सक्सेना उसके सिर पर फूलदानऩ गिरा देता है. विभूति कहता है ऐसा क्यों हो रहा है. विभूति को बैंक से फोन आता है कि आपका 2 लाख का चेक बाउंस हो गया. डेविड चाचा कहते हैं कि चिंता मत करो हम 20 लाख की संपत्ति जीत रहे हैं. तभी डेविड के वकील का फोन आता है कि हम केस हारने वाले हैं. डेविड तुरंत विभूति से अंगूठी फेंकने के लिए कहता है.
अंगूरी कमरे में तिवारी से उसके दोस्त के बारे में बात करते हुए कहती है कि मैं आपको चोट नहीं पहुंचाना चाहता थी. मैने एक बार आपके दोस्त को एक कमरे में बंद कर दिया और दुर्व्यवहार के लिए उसे छड़ी से जोर से मारा भी था. ये सुनकर तिवारी कहते हैं कि मुझे तुम पर गर्व है लेकिन मैं परेशान हूं, अंगूरी पूछती है क्यों, तिवारी कहते हैं कि मेरा कोई सबसे अच्छा दोस्त नहीं है और मैं चाहता हूं कि एक हो.
उधर तिवारी और विभु बैठकर शराब पी रहे होते हैं, तिवारी कहते हैं कि मैं परेशान हूं, मेरा कोई सबसे अच्छा दोस्त नहीं है, एक बिना शर्त दोस्त है, आपके पास प्रेम है. विभूति कहता है कि मैं उससे नफरत करता हूं, हम दोस्त थे लेकिन उसने मेरा अपमान किया मैं उससे नफरत करता हूं. तिवारी कहते हैं तो तुम मेरे जैसे ही हो, सक्सेना उनके पास जाता है और कहता है कि मैं तुम्हारे सबसे अच्छे दोस्तों से मिला हूं, तिवारी पूछते हैं कि कैसे, हम नहीं मिले. इस पर सक्सेना कहते हैं कि तुम दोनों एक दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त हो, तुम एक-दूसरे के साथ दुख और खुशी शेयर करते हो. तिवारी कहते हैं कि तुम सही हो, सक्सेना जी वहां से चले जाते हैं.
दोनों आपस में एक-दूसरे के गले लगते हैं, तभी वहां से टिल्लू, टिका और मलखान गुजरते हैं. तिवारी जी उनसे कहते हैं कि मेरे सबसे अच्छे दोस्त से मिलो, विभूति कहते हैं कि हम दोस्त हैं. टीका कहता है कि कल तो आपने कहा था कि हम कभी दोस्त नहीं बन सकते हैं. ये सुन तिवारी और विभूति आपस में बहस करने लगते हैं और गाली-गलौच करने लगते हैं. टिका मलखान और टिल्लू वहां से गायब हो जाते हैं.
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