भाबी जी घर पर हैं: अंगूरी भाभी और विभूति जी की खुली पोल, तिवारी जी और अनीता भाभी ने ऐसे पकड़ा रंगे हाथों
भाबी जी घर पर हैं के लेटेस्ट एपिसोड में अनीता भाभी और तिवारी जी अंगूरी भाभी और विभूति जी को रंगे हाथों पकड़ लेते हैं.
'भाबी जी घर पर हैं' पिछले काफी सालों से लोगों का मनोरंजन करता आया है. शो में अनीता भाभी का किरदार एक बार फिर से बदला जा चुका है. शो के बाकी किरदार विभूति नारायण यानी आशिफ शेख, तिवारी जी यानी रोहिताश्व गौड, 'अंगूरी भाभी' शुभांगी अत्रे कई सालों से लोगों का दिल जीतते आए हैं. जानें 'भाबी जी घर पर हैं' के 24 मार्च के एपिसोड की लेटेस्ट अपडेट.
शो के एपिसोड की शुरुआत होती है अनीता से जो कि हप्पू सिंह को फोन करती है और पूछती है कि आपको फोन उठाने में इतना वक्त क्यों लग गया. हप्पू सिंह बोलते हैं कि मैं ड्राइविंग कर रही हूं. इतने में तिवारी जी कहते हैं कि बेवकूफ बनाना बंद कीजिए और जल्दी आ जाइए. हप्पू सिंह जैसे ही वहां पहुचते हैं तिवारी जी उन्हें डांटने लग जाते हैं. जिससे नाराज होकर हप्पू सिंह कहते हैं कि ये आदमी मुझे जरा भी पसंद नहीं है ये मुझे भ्रष्ट बोलता है. इतने में अनीता भाभी कहती हैं बस कीजिए आप भ्रष्ट हैं. हप्पू सिंह रोने लगते हैं. इसके बाद तिवारी जी कहते हैं कि यहां आइए और हमारी रिपोर्ट लिखिए.
अनीता भाभी कहती हैं कि हम यहां छिछोरी होली खेलने वालों की वजह से परेशान हैं और बाहर भी नहीं जा पा रहे हैं. हप्पू सिंह उन संदिग्ध लोगों के खिलाफ रिपोर्ट लिखते हैं जो कि ऐसी होली खेल रहे हैं. हप्पू सिंह सबसे वादा करते हुए कहते हैं कि मैं जल्द ही उस गिरोह को पकड़ लूंगा. ये सारी बातें अंगूरी भाभी और विभूति जी सुन रहे होते हैं. हप्पू सिंह कहते हैं कि कानपुर में सभी लोग मुझसे डरते हैं. तभी अंगूरी भाभी और विभूति जी उन पर गंदा पानी फेंक देते हैं और छिप जाते हैं.
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हप्पू सिंह अनीता भाभी के पास वापस जाते हैं. अनीता और तिवारी जी उनको देखकर हैरान हो जाते हैं और उनका मजाक उड़ाते हैं. वहीं दूसरी ओर अनीता भाभी अपने कमरे में पैकिंग कर रही होती हैं. तभी विभूति उनके पास आकर कहते हैं प्लीज मत जाओ न, मैं समझता हूं कि आपके पास काम है, लेकिन होली के बाद जा सकती हो. अनीता भाभी कहती हैं कि अग्रवाल लंदन जा रहे हैं, लेकिन मैं उन्हें यहां कैसे बुला सकती हूं. विभूति कहते हैं कि मुझे लगता है कि आपको जाना चाहिए. अनीता भाभी कहती हैं कि होली तो मैं कानपुर में ही मनाऊंगी, लेकिन तुम्हें वार्निंग दे रही हूं कि मेरे पीठ पीछे कुछ उल्टा-सीधा नहीं होना चाहिए.
उधर तिवारी जी अपने कमरे में सो रहे होते हैं, तभी विभूति खिड़की से अंदर आता है. विभूति और अंगूरी कमरे में ही बात कर रहे होते हैं. तभी तिवारी जी कमरे की लाइट जला देते हैं और अनीता भाभी भी वहां होती हैं और दोनों को रंगे हाथों पकड़ लेती हैं. तब जाकर अंगूरी भाभी बताती हैं कि ये छिछोरी होली खेलने के लिए उन्हें अम्माजी ने बोला है. तभी अम्माजी का फोन आ जाता है औऱ कहती हैं कि उपाय ठीक से पूरा हो गया है अब आप लोग रंगों की अच्छी होली खेल सकते हैं.
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