भाबी जी घर पर हैं: तिवारी जी ने किया झोल, मास्टर जी को छोड़ अंगूरी भाभी को मिली एजुकेशन राशि
'भाबी जी घर पर हैं' के लेटेस्ट एपिसोड में अंगूरी भाभी को मिली टीचर राशि, मास्टर और सक्सेना जी देखते रह गए.
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'भाबी जी घर पर हैं' पिछले 7 सालों से लोगों का मनोरंजन करता आ रहा है. शो में अनीता भाभी का किरदार एक बार फिर से बदला जा चुका है. शो के बाकी किरदार विभूति नारायण यानी आशिफ शेख, तिवारी जी यानी रोहिताश्व गौड, 'अंगूरी भाभी' शुभांगी अत्रे कई सालों से लोगों का दिल जीतते आए हैं. जानें 'भाबी जी घर पर हैं' के 28 मार्च के एपिसोड की लेटेस्ट अपडेट.
लेटेस्ट एपिसोड की शुरुआत होती है चाय की दुकान से, जहां मास्टर और सक्सेना एजुकेशन राशि के बारे में बात कर रहे होते हैं. सक्सेना कहते हैं कि मेरे पास विदेशों से बहुत सारे लैक्चरार की नौकरी के प्रपोजल हैं. मास्टर कहते हैं कि मैं यहां के लोगों को जानता हूं, सक्सेना कहते हैं कि मैं एक इंटरनेशनल टीचर हूं. तभी तिवारी जी वहां आ जाते हैं और पूछते हैं कि आप लोग क्या बात कर रहे हैं. मास्टर उन्हें बताते हैं कि एजुकेशन राशि के तहत हर क्षेत्र से जो भी शिक्षक चुना जाएगा, उसे 50 लाख दिए जाएंगे.
मास्टर जी तिवारी जी से कहते हैं कि उन्होंने राशि के लिए एप्लिकेशन भरा है क्योंकि वो एक महान टीचर हैं. सक्सेना जी कहते हैं कि मैं भी हूं इसलिए मैने भी फॉर्म भरा है. इस पर मास्टर जी कहते हैं कि मेरा मिशन शिक्षा है. पैसा नहीं और सरकार के बाबू अधिकारी भी मुझे पसंद करते हैं. तिवारी जी बोलते हैं ये अधिकारी कहां रहता है. सक्सेना जी बोलते हैं अफीम कोटि के पास गधे की मूर्ति. तिवारी जी पूछते हैं कि क्या वो दौलतपुर से हैं. मास्टर हां बोलते हैं.
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तिवारी जी बाबू के पास जाते हैं वो किसी से साइन करने के लिए कमीशन मांग रहे होते हैं. इसके बाद तिवारी जी उसके पास जाते हैं और कहते हैं क्या मुझे पहचाना. बाबू तुरंत तिवारी जी को पहचान जाते हैं और कहते है तिवारी आपको देखकर बहुत खुशी हुई. तिवारी ने उनसे राशि के बारे में पूछा, बाबू कहते हैं कि राशि अधिकारियों के रिश्तेदारों के पात्र व्यक्ति को दिया जाता है. तिवारी ने उसे धन्यवाद दिया और अंगूरी के लिए राशि मांगा और कहा कि वह बहुत सक्षम है, बाबू कहते हैं कि राशि तुम्हारी है, 50-50 पर. तिवारी कहते हैं लेकिन क्या उसे पढ़ाने की जरूरत होगी. बाबू कहते हैं कि नहीं सिर्फ एक्टिंग .
सक्सेना और मास्टर ग्रांट ऑफिस में तिवारी को देखते हैं और कहते हैं कि कोई है जो शिक्षा से जुड़ा नहीं है. सक्सेना कहते हैं कि हमारे लिए हो सकता है. मास्टर और सक्सेना तिवारी के पास चलते हैं. बाबू से उनके बारे में बात करने के लिए मास्टर जी तिवारी को धन्यवाद देते हैं. तिवारी कहते हैं कि मुझे दूसरों की मदद करना अच्छा लगता है. मास्टर कहते हैं भगवान आपका भी भला करे. तभी बाबू अंदर आते है और अंगूरी तिवारी को राशि धारक घोषित करते देते हैं. तिवारी जी मास्टर के गाल चूमते हैं और कहते हैं कि भगवान ने हमारी मदद की.
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