Bharat Bhushan Tragic Life: बात आज गुजरे जमाने के चर्चित एक्टर रहे भारत भूषण (Bharat Bhushan) की जिनसे जुड़ा एक वाकया आज हम आपको सुनाने जा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत जब एक्टर बनने मुंबई आए थे तब वे अपने साथ एक सिफारिशी लैटर भी लेकर आए थे. यह लैटर उस ज़माने के मशहूर डायरेक्टर महबूब खान (Mehboob Khan) के नाम था. हालांकि, जब भारत भूषण महबूब खान के सामने पहुंचे तब तक उनकी फिल्म ‘अली बाबा और चालीस चोर’ की कास्टिंग पूरी हो चुकी थी. ऐसे में सिफारिश होने के बावजूद भारत भूषण को निराशा ही हाथ लगी थी. 


कहते हैं फिल्मों में ब्रेक पाने की तमन्ना लिए भटक रहे भारत भूषण को डायरेक्टर रामेश्वर शर्मा ने अपनी फिल्म ‘भक्त कबीर’ में काशी नरेश का रोल ऑफर किया था. इस रोल को करने के बाद भारत भूषण चर्चाओं में आ गए थे और इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों जैसे - भाईचारा, सावन, जन्माष्टमी, बैजू बावरा, मिर्जा गालिब आदि में काम किया था. अब तक भारत भूषण बड़े स्टार बन चुके थे और उन्होंने काफी पैसा और शोहरत भी कमा ली थी. 




इस बीच भारत के एक गलत फैसले ने उन्हें जमीन पर ला दिया था. असल में एक्टर के भाई ने उन्हें प्रोड्यूसर बनने की सलाह दे डाली थी. जिसके बाद भारत भूषण ने बतौर प्रोड्यूसर,  'बसंत बहार' और 'बरसात की रात' जैसी चर्चित और सुपरहिट फ़िल्में भी बनाई थीं.




हालांकि, इसके बाद भारत भूषण द्वारा प्रोड्यूस की गईं अधिकांश फ़िल्में फ्लॉप साबित हुईं और इसका नतीजा ये हुआ कि एक्टर की माली हालत बेहद खराब हो गई थी और उनके पास जीवनयापन के लिए फूटी कौड़ी भी नहीं बची थी. यहां तक कि उन्होंने अपनी कार तक बेच दी थी और बस में सफर किया करते थे. साल 1992 में तंगहाली से जूझते हुए भारत भूषण का निधन हो गया था.


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