Lok Sabha Election Results 2024: भोजपुरी के सुपरस्टार पवन सिंह चुनाव मैदान में फ्लॉप साबित हुए हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान उनकी रैलियों में भीड़ तो खूब जुटी लेकिन लोगों ने उन्हें वोट नहीं दिया. बिहार की कारकाट सीट से पवन सिंह हार गए हैं. भोजपुरी सिंगर और एक्टर को सीपीआई के राजा राम सिंह से शिकस्त मिली है. चलिए यहां जानते हैं पवन सिंह की हार की पांच बड़ी वजहें कौन सी रही हैं. 


पवन सिंह की लोकसभा चुनाव 2024 में पिछड़ने की ये हैं 5 बड़ी वजहें
लोकसभा चुनाव 2024 में इस बार भोजपुरी के सितारे पवन सिंह भी अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे. पवन सिंह ने बिहार के कारकाट सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. एक्टर ने खूब प्रचार भी किया था लेकिन जनता ने पवन सिंह पर भरोसा नहीं किया और इसी के साथ पवन सिंह सीपीआई के राजा राम सिंह से पिछड़ते नजर आ रहे हैं. वहीं  भोजपुरी के सुपरस्टार की चुनाव में फ्लॉप होने की ये हैं वजहें



  1. पिछली जातियों ने नहीं दिया पवन सिंह का साथ- बता दें कि पवन सिंह राजपूत हैं और उन्हें अपनी सीट पर पिछली जातियों का वोट नहीं मिला. पवन सिंह कारकाट सीट पर तीसरे नंबर पर रहे. दूसरे नंबर पर राष्ट्रीय लोक मोर्चा के कैंडिडेट उपेंद्र कुशवाहा रहे. दोनों का वोट बंट गया और इसमें भारी नुकसान पवन सिंह को हुआ.

  2. स्टारडम चुनाव में नहीं आया काम- पवन सिंह के पिछड़ने की दूसरी वजह ये रही कि उनकी चुनावी रैलियों में भीड़ तो भारी जुटी थी लेकिन उनका स्टारडम चुनावी मैदान में काम नहीं आया. जहां भी वे भी गए वहां भीड़ देखकर यही लगा कि चुनावों में उनके पक्ष में माहौल है लेकिन उस भीड़ को वो वोट में नहीं बदल पाए. 

  3. निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा भारी- पवन सिंह के पिछ़़डने की तीसरी वजह उनके निर्दलीय चुनवा लडना रही. बता दें कि बीजेपी से बाहर किए जाने के बाद पवन सिंह ने कारकाट सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ा था. इलाके की जनता इस वजह से भी भोजपुरी स्टार पर भरोसा नहीं जता पाई.

  4. बीजेपी से निकाले गए- चौथी वजह पवन सिंह की बीजेपी से निकाले जाना रही. बता दें कि पवन सिंह पहले आसनसोल से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले थे लेकिन उन्होंने वहां से चुनाव न लड़ने की बात कहकर टिकट लौटा दिया था. इसके बाद उन्होंने काराकाट लोकसभा सीट से नामांकन किया था. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था. चुनाव में पीछे रहने की ये भी एक बड़ी वजह है.

  5. मजबूत कार्यकर्ता की कमी-पवन सिंह के चुनावी मैदान में फ्लॉप होने की पांचवी वजह मजबूत कार्यकर्ता की कमी भी रही. 


हार के बाद क्या बोले पवन सिंह


हार स्वीकार करते हुए पवन सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'हार तो क्षणिक है हौसला निरंतर रहना चाहिए हम तो वो है वैसे लोगों में है जो विजय पर गर्व नहीं करते और हार पर खेद और शोक नहीं करते। ख़ुशी और गर्व इस बात की है की काराकाट की जनता ने मुझे अपना बेटा-भाई स्वीकार कर इतना प्यार दुलार और आशीर्वाद जो दिया उसके लिए आप सभी का दिल से धन्यवाद.'


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