Pawan Singh क्यों हार गए काराकाट सीट से चुनाव? Khesari Lal Yadav बताई असली वजह
Khesari Lal Yadav On Pawan Singh Loksabha Election Lose: खेसारी लाल यादव ने अपने एक इंटरव्यू में कई मुद्दों पर बात की. इस दौरान उन्होंने एक्टर पवन सिंह के लोकसभा चुनाव हारने की वजह भी बता दी.
KhesariLal Yadav On Pawan Singh Loksabha Election Lose: भोजपुरी सिनेमा के बेहतरीन कलाकार खेसारी लाल यादव ने अपने दम पर फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाई है. कभी बेहद गरीबी में गुजारा करने वाले खेसारी लाल यादव आज भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार हैं.
खेसारी लाल यादव की काफी अच्छी फैन फॉलोइंग है. बेहतरीन एक्टर होने के अलावा वे शानदार गायक भी हैं. हाल ही में खेसारी ने शुभांकर मिश्रा को एक इंटरव्यू दिया था. इस दौरान उन्होंने अपनी फिल्मों, अफेयर और शादी वगैरह को लेकर बात की. वहीं उनसे राजनीति से जुड़े सवाल भी किए गए. जबकि खेसारी ने भोजपुरी सिनेमा के पावर स्टार पवन सिंह के लोकसभा चुनाव हारने की वजह भी बता दी.
पवन सिंह की हार पर क्या बोले खेसारी
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शुभांकर मिश्रा ने भोजपुरी सिनेमा के दिग्गज सितारों रवि किशन, निरहुआ, मनोज तिवारी और पवन सिंह की राजनीति को लेकर खेसारी से चर्चा की. इस दौरान शुभांकर ने कहा कि पवन सिंह चुनाव हार गए. उन्हें लग रहा था कि वे चुनाव जीत जाएंगे. खेसारी ने कहा कि हां सबको लग रहा था कि जीत जाएंगे. लेकिन हार गए बेचारे.
शुभांकर ने आगे खेसारी से कहा कि उनकी (पवन सिंह) फैन फॉलोइंग भी है. रैलियों में भारी भीड़ जुटी, जो देखने आए उन्होंने क्यों वोट नहीं दिया? या फिर पार्टी बदल ली इस वजह से हारे? अब खेसारी ने पवन सिंह के काराकाट सीट से लोकसभा चुनाव हारने की असली वजह बताई है.
बिहार-यूपी में जाति फैक्टर हमेशा से रहा है
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खेसारी ने कहा कि, 'बिहार-यूपी में जाति फैक्टर तो है. यहां हमेशा से रहा है. राजनीति में आते ही कलाकार की भी जाति हो जाती है. नेता बन गए तो मुझे लगता है कि अब आप बिहार के हो गए, आप उस क्षेत्र के ही हो गए. आज मनोज भैया (मनोज तिवारी) बिहार के नहीं है, पूरे बिहार के नहीं है आज की डेट में. वो दिल्ली के हो गए, पूरे दिल्ली के भी नहीं है. वो वहीं के हैं जहां के लोगों ने उन्हें वोट दिया है. तो आप जब एक ही जगह के हो गए तो कलाकार कौन समझेगा. वो विकास वहीं कर रहे हैं. बक्सर में नहीं करेंगे. उनका घर बक्सर हो सकता है. लेकिन इनका विकास बक्सर ने नहीं होगा.
खेसारी ने आगे कहा, 'तो आप जब एक ही जगह के हो गए तो फिर आपको कालाकर कौन समझेगा. क्योंकि अब आप उन दस लाख लोगों के लिए काम कर रहे हैं, जो आपका वोट है. आप उसी के विकास के लिए संसद में आवाज उठाओगे न. ऐसा नहीं है कि आप काराकाट से चुनाव लड़े और छपरा का मुद्दा लेकर संसद में जाओगे.
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पवन सिंह की हार पर बोलते हुए खेसारी ने आगे कहा कि, 'पहले आप छपरा, आरा, बलिया जो भी जिले है भाषा है आप उन सभी के लिए काम कर रहे थे. उनके मनोरंजन के लिए काम कर रहे थे, उसमें तो सारे लोग आते हैं, सभी जातियां आती हैं. सबको गाना अच्छा लगता है. सबको फिल्में अच्छी लगती हैं.'
RJD-BJP दोनों चुनावी प्रचार के लिए बुलाए तो कहां जाओगे?
खेसारी से आगे शुभांकर ने सवाल किया कि मान लो अगले साल चुनाव हो और आपको एक तरफ RJD प्रचार के लिए बुलाए और एक तरफ BJP बुलाए तो कहां जाना पसंद करोगे. इस पर खेसारी ने कहा कि दोनों जगह. मेरे लिए पैसा विषय नहीं है. मेरे लिए संबंध ज्यादा मायने रखते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वे लालू प्रसाद यादव की फैमिली के करीब है. लेकिन कुछ गलत होता है तो उसे गलत बोलने में भी पीछे नहीं रहते हैं.