कहते हैं कामयाबी का शिखर यूं ही नहीं मिल जाता न जाने कितने इम्तिहान लेती है ये ज़िंदगी. और ये बात अभिनेता रवि किशन(Ravi Kishan) पर सटीक बैठती है. आज भले ही अभिनेता भोजपुरी ही नहीं बल्कि बॉलीवुड का भी जाना माना नाम बन चुके है. लेकिन एक दौर वो भी था जब वो आगे बढ़ने के लिए हज़ारों कोशिशें कर रहे थे लेकिन सफल एक भी नहीं हो रही थी. आइए जानते हैं इनकी जिंदगी और स्ट्रगल से जुड़े वो अनसुने किस्से. 

रुलाने वाला था स्ट्रगल का दौर



आज रवि किशन न केवल अभिनेता हैं बल्कि बीजेपी से सांसद भी बन चुके हैं. दौलत और शौहरत दोनों ही खूब है उनके पास. जहां जाते हैं खूब इज्जत पाते हैं लेकिन एक दौर वो भी थी जब न कोई उन्हें जानता था और न ही उनके पास पैसे हुआ करते थे. वो रोज़ाना स्ट्रगल करते थे और हार कर घर लौटते थे. एक वक्त तो ऐसा भी आया जब वो खुद से ही हार मानने वाले थे. लेकिन उस बुरे वक्त में उनके पिता ने उन्हें हर तरह से सपोर्ट किया.

खेत भी रखने पड़े थे गिरवी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब रवि किशन की बेटी का जन्म हुआ तो अभिनेता के पास इतने पैसे भी नहीं थे, कि पत्नी व बच्ची को डिस्चार्ड कराकर घर ला सके. तब उस माली हालत में रवि ने कर्ज लिया था वो भी ब्याज़ पर, और तब वो अपनी लाडली को घर लाए थे. आलम ये था कि खेत भी गिरवी रखने पड़े थे. 

बचपन में होती थी खूब पिटाई



मीडिया में आई खबरों के मुताबिक एक इंटरव्यू में रवि किशन ने ये बात भी कबूली थी कि बचपन में जब जब वो सीता बनते थे तो उन्हें खूब फटकार पड़ती थी और पिटाई होती थी. क्योंकि उनके घरवालों को ये सब बिल्कुल भी पसंद नहीं था. लेकिन रवि किशन में बचपन से ही एक्टिंग को लेकर शौक था. और इसीलिए छोटी सी उम्र में ही घर छोड़ने का बड़ा फैसला ले लिया था. 2003 में पहली बार उन्होंने भोजपुरी फिल्म की थी और उसके बाद उन्होंने कभी भी पलट कर नहीं देखा. 

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