बॉलीवुड फिल्म 'मुगल-ए-आजम' के 5 अनसुने किस्से, जिन्हें जानकर आप हो जाएंगे हैरान
Mughal-E-Azam: बॉलीवुड में मुगल-ए-आजम (Mughal-E-Azam) को जो रुतबा हासिल है, वैसा रुतबा आज तक किसी फिल्म को हासिल नहीं हुआ है. मुगल-ए-आजम ने बॉलीवुड को हुस्न बक्शा है, यह कहना किसी भी सूरत में गलत नहीं होगा. आइए जानते है इस अजीम-ओ- शान फिल्म के पांच अनसुने किस्से-
Bollywood Classics: 'मुगल-ए-आजम' आज के ही दिन यानि 5 अगस्त 1960 को रिलीज हुई थी. 'मुगल-ए-आजम' बॉलीवुड की एक मात्र ऐसी फिल्म है जिसके बनने से लेकर और अब 60 बरस बाद भी इतने किस्से हैं कि यदि इनको लिपिबद्ध कर दिया जाए तो कई मोटी किताबें लिख जाएंगी. बॉलीवुड की किसी भी फिल्म मेकिंग से जुड़ी इतने किस्से और कहानियां नहीं हैं जितनी 'मुगल-ए- आजम' के हैं.
जब के आसिफ से तंग आ गए फाइनांसर
'मुगल-ए-आजम' को लेकर कहा जाता है कि इस फिल्म को लेकर 'के आसिफ' जुनून की सारे हदों को पार कर गए थे. कुछ लोग कहते हैं कि 'मुगल-ए-आजम' के आसिफ का पहली और आखिरी मोहब्बत थी. इस फिल्म को बनाने में कई साल लग गए. 'के आसिफ' इस फिल्म को बनाने के लिए रुपये पानी की तरह बहा रहे थे. शाहपूरजी मिस्त्री इस फिल्म के फाइनांसर थे, लेकिन 'के आसिफ' की बढ़ते खर्चों से बहुत परेशान थे. इसके चलते शाहपूरजी ने 'के आसिफ' को बदलकर दूसरे निर्देशक से फिल्म को पूरा करने का मन बना लिया, लेकिन फिर दिलीप कुमार के समझाने के बाद उन्होंने ऐसा नहीं किया.
'प्यार किया तो डरना क्या', गाने की शूटिंग के लिए शीश महल बनाया गया 'प्यार किया तो डरना क्या' इस गाने को सूट करने के लिए 'के आसिफ' ने भव्य सेट लगवाया. गाने के लिए के आसिफ ने भव्य शीश महल तैयार कराया. इस महल में ही मुगले आजम के इस गाने को सूट किया जाना था. इस शीश महल के लिए के आसिफ ने विशेष तौर से 'बेल्जियम' के शीशे मंगवाए थे.
शीश महल की चमक को रोकने के लिए मोम लगाना पड़ा 'मुगल-ए-आजम' के सिनेमेटोग्राफर 'आरडी माथुर' थे. प्यार किया तो डरना क्या गाने में इस शीश महल के जरिए फिल्म की भव्यता को दिखाना था. शीश महल पर तेज रोशनी पड़ने के कारण गाने को सूट करने में मुश्किल आ रही थी. कई दिन बीत जाने के एक दिन 'आरडी माथुर' ने महल के सभी शीशों पर मोम(बेक्स) लगा दिया इसके बाद प्यार किया तो डरना क्या गाना सूट किया जा सका.
मधुबाला को जब दिलीप कुमार ने मारा चांटा 'मुगल-ए-आजम' की शूटिंग के दौरान एक सीन में दिलीप कुमार को मधुबाला के गाल पर चांटा मारना होता है. इसके लिए जैसे ही कैमरा और लाइट ऑन होती है , वैसे ही दिलीप कुमार को यह सीन करना था. लेकिन धोखे से दिलीप कुमार ने मधुबाला के गाल पर इतनी तेज चांटा मार दिया कि सभी लोग हैरान हो गए कि अब कुछ गड़बड़ न हो जाए. लेकिन किसी तरह से 'के आसिफ' ने इस परिस्थिति को संभाला.
मधुबाला ने दिलीप कुमार से शांदी करने से कर दिया था इंकार दिलीप कुमार मधुबाला से शादी करना चाहते थे, लेकिन मधुबाला के पिता अताउल्ला खां को ये रिश्ता पसंद नहीं था. बाद में परिवार के दवाब के कारण मधुबाला ने दिलीप कुमार से शादी करने से मना कर दिया. 'मुगल-ए-आजम' की शूटिंग के अंतिम दिनों में दिलीप कुमार और मधुवाला के बीच बातचीत बंद हो गई थी.
60 साल बाद भी 'Mughal-E-Azam' दर्शकों को क्यों इतनी पसंद आती है