एक्टर अनिल कपूर (Anil Kapoor) के पिता भी एक फिल्म निर्देशक थे इसके बाद भी अनिल के लिए हीरो बनने का सफर आसान नहीं था. जब अनिल कपूर इंटर में पढ़ते थे तब उनके पिता को हार्ट अटैक आया जिसके बाद अनिल ने पढ़ाई छोड़कर बड़े भाई बोनी कपूर को असिस्ट करना शुरू कर दिया. अनिल कपूर ने पूना फिल्म इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेना चाहा लेकिन ऑडिशन में रिजेक्ट हो गए. इसके बाद अनिल कपूर ने 'हम पांच', 'हमारे तुम्हारे' और 'शक्ति' जैसी फिल्मों में छोटे-मोटे रोल निभाए जिसके बाद साउथ फिल्मों के मशहूर निर्माताबापू ने अनिल को एक फिल्म ऑफर की, लेकिन डांस ऑडिशन में अनिल कपूर के पैर में चोट लग गई और वो फिल्म से बाहर हो गए.
बतौर हीरो अनिल कपूर की पहली फिल्म थी 'वो सात दिन' (Woh 7 Din), मगर इस फिल्म का हीरो बनने में भी काफी मुश्किलें आईं और इस मुश्किल घड़ी में उनका साथ दिया संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) और शबाना आज़मी (Shabana Azmi) ने. दरअसल, अनिल कपूर को बतौर हीरो लॉन्च करने के लिए एक तमिल फिल्म का हिंदी रीमेक उनके भाई बोनी कपूर बनाने की तैयारी में थे. उस वक्त अनिल कपूर और उनके परिवार की आर्थिक स्थिती अच्छी नहीं थी. तमिल फिल्म के राइट्स लेने के लिए 75 हज़ार रुपयों की जरूरत थी.
उस वक्त बोनी कपूर या अनिल कपूर के पास इतने पैसे नहीं थे ऐसे में शबाना आज़मी और संजीव कुमार ने मिलकर बोनी कपूर को 50 हज़ार रुपये दे दिए और बाकी रकम का इंतज़ाम दोनों भाईयों ने कहीं और से किया. शबाना आज़मी और संजीव कुमार के दिए हुए पैसों से अनिल कपूर को बॉलीवुड में बतौर हीरो लॉन्च किया गया, फिल्म का नाम था 'वो सात दिन'. इस फिल्म के बाद अनिल कपूर ने अपने करियर में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
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