90 के दशक में गोविंदा ने बॉलीवुड में खूब नाम कमाया और दर्शकों का खूब प्यार पाया. गोविंदा ने ‘विरार का छोकरा’नाम से फैंस के दिल में और हिंदी सिनेमा में एक अलग ही मिसाल कायम की. उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती का स्टाइल और डांस कॉपी किया और फिल्मों के सुपस्टार बन गए. गोविंदा ने अपने करियर में कई शानदार फिल्में दी जिनमें से बेहद खास रही फिल्म 'दूल्हे राजा'.


साल1988 में रिलीज हुई फिल्म 'दूल्हे राजा' में गोविंदा के साथ रवीना टंडन की जोड़ी दिखाई दी थी, लेकिन इस फिल्म के बाद गोविंदा के स्टारडम का जादू नहीं चला, कह सकते हैं कि ये फिल्म गोविंदा के करियर की आखिर हिट फिल्म थी.


वैसे फिल्म 'दूल्हे राजा' ना सिर्फ गोविंदा के करियर की आखिरी हिट फिल्म रही बल्कि रवीना टंडन का करियर भी इस फिल्म के बाद कोई खास कमाल नहीं कर पाया. हालांकि 'दूल्हे राजा' के बाद रवीना और गोविंदा ने 'परदेसी बाबू', 'आन्टी नंबर वन', 'राजाजी', 'अनाड़ी नंबर वन', 'अंखियों से गोली मारे' और 'वाह तेरा क्या कहना' जैसी फिल्मों में काम किया मगर कोई भी फिल्म सफलता की सीढ़ी नहीं चढ़ पाई.



वैसे क्या आप जानते हैं कि फिल्म 'दूल्हे राजा' में रवीना टंडन से पहले ममता कुलकर्णी को लेने की बात चल रही थी, लेकिन जब इस फिल्म के बारे में ममता से बात की गई तो उन्होंने किसी वजह से करने से इंकार कर दिया जिसके बाद कई सालों तक ममता को ये फिल्म ना कर पाने का अफसोस भी रहा था. ममता के इंकार के बाद ये फिल्म रवीना टंडन को ऑफर हुई और उन्होंने तुरंत हामी भर दी. वहीं फिल्म का नाम पहले 'दूल्हे राजा' ना रखकर मेकर्स ने 'तू हसीं में जवां' रखा था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर 'दूल्हे राजा' रख दिया गया.


फिल्म 'दूल्हे राजा' की कामयाबी के पीछे फिल्म के संगीत के साथ- साथ इसके डायलॉग और कादर खान- गोविंदा के बीच की जुगलबंदी का भी बड़ा हाथ रहा. फिल्म ने टिकट खिड़की पर जबरदस्त कमाई की और उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों की लिस्ट में शामिल हो गई. आपको बता दें कि साल 1998 में 'कुछ कुछ होता है', 'प्यार तो होना ही था', 'प्यार किया तो डरना क्या' और 'सोल्जर' जैसी शानदार फिल्में रिलीज हुई थीं.