हर साल बॉलीवुड में कई एक्टर अपनी किस्मत आज़माते हैं जिनमें से कुछ ही को कामयाबी मिलती है. यहां एक कलाकार को बरसों लग जाते हैं अपना नाम बनाने में. वहीं कुछ कलाकार ऐसे भी रहे जिन्होंने करियर की शुरुआत तो शानदार की लेकिन उसके बाद वो अपने करियर में कुछ खास कर नहीं पाए.


ऐसे ही एक एक्टर हैं जुगल हंसराज, जिन्होंने 'पापा कहते हैं' जैसी फिल्म से इंडस्ट्री में पहचान बनाई, मगर उसके बाद उन्हें अपने करियर को लेकर काफी संघर्ष करना पड़ा. हालांकि कई साल बाद उन्हें शाहरुख खान की फिल्म ''मोहब्बतें' में नोटिस जरूर किया गया, लेकिन उससे भी जुगल के करियर को कोई खास फायदा नहीं पहुंचा. अब ऐसे में हाल ही में दिए अपने एक इंटरव्यू में जुगल हंसराज ने अपने करियर को लेकर कई खुलासे किये.



जुगल हंसराज ने अपने करियर के स्ट्रगल के बारे में बताते हुए कहा- 'मैंने 1989 में डायरेक्टर मनमोहन देसाई की एक फिल्म साइन की थी. उस फिल्म से मैं कमबैक करने वाला था, लेकिन वो फिल्म कभी शुरू ही नहीं हो सकी. मैंने अपने करियर में अभ तक लगभग 30 से 40 फिल्में ऐसी साइन की हैं जो कभी पूरी ही नहीं हो सकी. अगर वो सभी फिल्में बनती तो मैं अपने करियर में ज्यादा काम कर पाता मगर ऐसा हो नहीं पाया. मैं और काम करना चाहता था लेकिन जब फिल्म का काम ही बंद हो गया तो मैं क्या करता.'



इसके अलावा अपने इंटरव्यू में जुगल ने आगे बताया- 'फिल्म इंडस्ट्री के किसी भी परिवार से मेरा कोई नाता नहीं था. ऐसे में मुझे मेरा रास्ता खुद बनाना था, क्योंकि आपको सही गलत बताने वाला कोई नहीं होता. मेरा मानना है कि जब आप फिल्मी परिवार से होते हैं तो बहुत से निर्णय बाकी लोगों से बेहरत ले सकते हैं. नॉन फिल्मी बैकग्राउंड का होने के बाद भी मैंने इंडस्ट्री में ठीक ठाक काम किया. लोग मुझे आज भी याद करते हैं. मेरे काम में कभी भी किसीने कोई रुकावट पैदा नहीं की. मैं एक प्रोफेशनल एक्टर था और इंडस्ट्री के लोग आज भी मेरे साथ टच में हैं.'