साल 1966 में डायरेक्टर राम माहेश्वरी एक फिल्म बना रहे थे जिसका नाम था 'नील कमल' (Neel Kamal), जिसमें वहीदा रहमान (Waheeda Rehman), राजकुमार (Rajkumar) और मनोज कुमार (Manoj Kumar) ने मुख्य भूमिका निभाई थी. इस फिल्म में राजकुमार का किरदार एक 'मूर्तिकार' का था, इसके अलावा राजकुमार को इसमें कुछ गहने भी पहनने थे. जब फिल्म की शूटिंग शुरू हो गई तो राजकुमार अपने आभूषणों को देखकर गुस्सा हो गए क्योंकि नकली गहने मंगवाए गए थे.
राजकुमार ने डायरेक्टर से कहा, 'अगर पहनूंगा तो असली जेवर, नहीं तो शूटिंग नहीं करूंगा.' काफी समझाने के बाद भी राजकुमार अपनी बात पर कायम रहे और असली गहनों की मांग करने लगे. फिल्म के सेट पर हर किसी को टेंशन होने लगी.
अब फिल्म नील कमल के प्रोड्यूसर पन्ना लाल माहेश्वरी के पास कोई दूसरा रास्ता बचा ही नहीं था, सिवाय इसके कि राजकुमार के लिए असली जेवरात मंगवाएं जाएं. शूटिंग रुकी रही, जिसकी वजह से फिल्म के मेकर्स का नुकसान होता रहा.
आखिरकार प्रोड्यूसर ने किसी तरह जुगाड़ करके असली गहनों का इंतजाम किया. उसके बाद ही राजकुमार ने फिल्म का पहला शॉट दिया. हालांकि जब आप ये फिल्म देखेंगे तो पता नहीं चलेगा कि राजकुमार ने असली गहने पहने हैं या फिर नकली, लेकिन वो राजकुमार थे जो सोच लेते थे वही करते थे.
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