जब मधुबाला के डांस से परेशान होकर के.आसिफ को उठाना पड़ा था ऐसा कदम
जब बॉलीवुड की बेहतरीन फिल्म का जिक्र होता हैं तो के आसिफ की फिल्म 'मुगल-ए-आज़म' के अलावा दूसरा नाम ज़हन में नहीं आता. मुगल सम्राट अकबर के शासन काल के दौरान सेट की गई इस फिल्म को सिर्फ एक कहानी कहना गलत होगा.
जब बॉलीवुड की बेहतरीन फिल्म का जिक्र होता हैं तो के. आसिफ की फिल्म 'मुगल-ए-आज़म' के अलावा दूसरा नाम ज़हन में नहीं आता. मुगल सम्राट अकबर के शासन काल के दौरान सेट की गई इस फिल्म को सिर्फ एक कहानी कहना गलत होगा, इसे महाकाव्य कहा जा सकता है. ये एक ऐसा महाकाव्य है जो आज 60 साल के बाद भी दर्शकों को अपनी तरफ खींचता है. फिल्म का हर पहलू इतना खूबसूरत है कि इसे शब्दों में बयां करना मुश्किल हो जाता है, लेकिन फिल्म की असली सुंदरता दो चीजों से आती है - इसकी भव्यता और मधुबाला.
फिल्म 'मुगल-ए-आज़म' में आज भी मधुबाला की खूबसूरती और उनके डांस की चर्चा होती है. कौन भूल सकता है इस फिल्म के गाने 'जब प्यार किया तो डरना क्या' में मधुबाला की अदाओं को. वैसे कम ही लोगों को पता है कि इस गाने को फिल्माने के लिए एक नहीं दो दो मधुबाला सेट पर मौजूद होती थीं.
इस बात में कोई शक नहीं है कि मधुबाला एक बहुत ही शानदार एक्ट्रेस थीं मगर डांस में उनका हाथ थोड़ा कमज़ोर था. लेकिन फिल्म में उन्होंने नर्तकी का किरदार निभाया. जब फिल्म का गाना शूट किया जाना था तो निर्देशक के.आसिफ मधुबाला के डांस को लेकर टेंशन में आ गए, क्योंकि उन्हें फिल्म में अनारकली को एक बेहतरीन डांसर के तौर पर जो पेश करना था. आसिफ की परेशानी देखकर मूर्तिकार बी.आर खेड़कर ने उन्हें सलाह दी कि मधुबाला के डांस स्टेप्स प्रोफेशनल डांसर से करवाए जाएं. आसिफ को भी ये सुझाव काफी अच्छा लगा और उन्हेंने खेड़कर से मधुबाला का मुखौटा बनवाया. तब उस ज़माने की मशहूर डांसर लक्ष्मी नारायण को वो मुखौटा पहनाया जाता था और वो मधुबाला के डांस स्टेप्स किया करती थीं.