Meena Kumari ने जिस डायरेक्टर के साथ काम करने से किया इंकार, उसी के साथ अस्पताल में छिप कर शादी की
इश्क़ और मुश्क छिपाए नहीं छिपते. मीना कुमारी (Meena Kumari) के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. ट्रैजेडी क्वीन मीना कुमारी ने चाइल्ड आर्टिस्ट से बतौर लीड एक्ट्रेस का सफर तय किया.
इश्क़ और मुश्क छिपाए नहीं छिपते. मीना कुमारी (Meena Kumari) के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी ने चाइल्ड आर्टिस्ट से बतौर लीड एक्ट्रेस का सफर तय किया और साल 1952 में रिलीज हुई फिल्म 'बैजू बावरा' (Baiju Bawra), ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया. इस फिल्म से पहले एक सेट पर मीना कुमारी की मुलाकात डायरेक्टर कमाल अमरोही से हुई. मीना ने कमाल को सलाम किया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. ये बात मीना को इतनी बुरी लग गई कि उन्होंने कमाल अमरोही के साथ फिल्मों में काम करने से इंकार कर दिया, लेकिन उसी कमाल अमरोही से आगे चलकर उन्होंने शादी कर ली.
कमाल और मीना कुमारी एक-दूसरे से प्यार करने लगे तो एक रोज़ कमाल अमरोही के दोस्त और मैनेजर बाखर जी ने उनसे पूछा कि अगर आप मीना कुमारी से इतनी मोहब्बत करते हो तो उनसे शादी क्यों नहीं कर लेते, ये सुनकर कमाल ने कहा कि मैं तो यही चाहता हूं, लेकिन मीना का पता नहीं. बाख़र साहब मीना के पास गए तो उन्होंने बताया कि जब तक मेरे अब्बा इस निकाह के लिए राज़ी नहीं होते, मैं कैसे कर सकती हूं. मीना कुमारी की बात सुनकर बाखर जी ने उनसे कहा कि आप दोनों शादी कर लो बाद में मौका देख कर अम्मी-अब्बू को मना लेंगे.
मीना कुमारी ने बाख़र के बहुत समझाने पर निकाह के लिए हांमी भर दी. 14 फरवरी 1952 में दोनों ने शादी कर ली. मीना कुमारी की उन दिनों फिजियोथेरेपी चल रही थी. उनके पिता हर रात मीना और उनकी बहन को डॉक्टर के पास 2 घंटों के लिए छोड़कर जाते थे. 14 तारीख को भी मीना के पिता अली बख्श ने उन्हें क्लीनिक के बाहर छोड़ा और वापस लौट गए. पिता के जाते ही कमाल अमरोही काज़ी और अपने कुछ दोस्तों के साथ क्लीनिक पहुंच गए और और निकाह किया. निकाह के 5 मिनट के बाद ही मीना के पिता वहां पहुंच गए, लेकिन उन्हें पता नहीं चल पाया कि जिस बेटी को वो 2 घंटे पहले यहां छोड़कर गए थे अब वो शादीशुदा हो चुकी थीं.
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