वैम्प के रोल में हीरोइन पर भी भारी पड़ती थीं Nadira, एक हफ्ते में ही टूट गई थी शादी
नादिरा ने ना केवल फिल्मों में बोल्ड सीन दिए बल्कि फिल्मों में वह वैम्प बनकर नेगेटिव किरदार में भी नजर आईं. नादिरा को वैम्प के किरदार में फिल्म की हीरोइन को परेशान करते हुए कई फिल्मों में दिखाया गया है.
बॉलीवुड में कई अभिनेत्रियां लीक से हटकर चलने के लिए मशहूर थीं. 50 से 60 के दशक की अदाकारा नादिरा भी उनमें से एक थीं. नादिरा की खासियत ये थी कि जहां उनकी साथ की अभिनेत्रियां साफ-सुथरे, सिंपल और पतिव्रता के रोल चुना करती थीं वहीं उसी ज़माने में नादिरा ने अपनी अलग राह चुनी. नादिरा ने ना केवल फिल्मों में बोल्ड सीन दिए बल्कि फिल्मों में वह वैम्प बनकर नेगेटिव किरदार में नजर आईं. नादिरा को वैम्प के किरदार में फिल्म की हीरोइन को परेशान करते हुए कई फिल्मों में दिखाया गया है.
अपने इन्हीं अलग किरदारों से वह हीरोइनों पर भारी पड़ जाती हैं. नादिरा ने आन, श्री 420, पाकीज़ा , जूली जैसी फिल्मों में काम किया. 1956 में आई फिल्म 'सिपासलार' में शम्मी कपूर के साथ काम किया था. इसके अलावा उन्हें दिल अपना और प्रीत परायी, हंसते ज़ख्म, अमर अकबर एंथनी जैसी फिल्मों में भी देखा गया. 1975 में आई जूली के लिए नादिरा को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला था.ये दौर नादिरा के करियर के लिए एक नए दौर की शुरुआत की तरह था जहां एक उम्र दराज महिला को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड दिया गया. नादिरा की आखिरी फिल्म जोश थी जो कि 2000 में रिलीज हुई थी. वैसे नादिरा अपने पहनावे के कारण भी चर्चा में रहती थीं.
वह शुरुआत से लेकर आखिरी तक केवल वेस्टर्न आउटफिट्स में ही नज़र आईं. फिल्मों में उनकी द्वारा निभाए गए ज्यादातर किरदार क्रिश्चियन या एंग्लो इंडियन हुआ करते थे.उस ज़माने में वह रोल्स रॉयस से चलने वालीं एकमात्र एक्ट्रेस थीं. नादिरा के जीवन का अंतिम समय अकेले ही कटा. उनकी शादी एक हफ्ते में ही टूट गई थी.नादिरा के ज्यादातर रिश्तेदार वापस इजराइल जा चुके थे. इसके बाद नादिरा अपनी मेड के साथ तीन साल तक रहीं. उन्हें अल्कोहलिक लिवर डिसऑर्डर, ट्यूबरकुलर मैनिंजाइटिस और पैरालिसिस जैसी बीमारियों ने घेर लिया और 9 फरवरी 2006 को उनकी मौत हो गई.