60-70 के दशक की एक्ट्रेस रहीं प्रिया राजवंश आज हमारे बीच नहीं हैं. प्रिया से जुड़ा ऐसा बहुत कुछ है जिसकी चर्चा उनके जाने के बाद भी लोगों के जहन में ताज़ा है. प्रिया की पूरी लाइफ किसी फ़िल्मी कहानी की तरह थी. एक्ट्रेस ने साल 1964 में आई फिल्म ‘हकीकत’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था और यह फिल्म अपने दौर की हिट फिल्मों में से एक थी. प्रिया को फिल्मों में लेकर आए थे देव आनंद के बड़े भाई चेतन आनंद जो कि इंडस्ट्री के चर्चित राइटर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर थे.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अपने फ़िल्मी करियर में प्रिया राजवंश ने सबसे ज्यादा फ़िल्में चेतन के साथ ही की थीं. इन फिल्मों में ‘हीर रांझा’, ‘हिंदुस्तान की कसम’, ‘हंसते ज़ख्म’, ‘साहेब बहादुर’, ‘कुदरत’ और ‘हाथों की लकीरें’ जैसी फ़िल्में शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चेतन आनंद की नजदीकियां प्रिया राजवंश के साथ बढ़ने लगीं थीं और वहीं प्रिया भी चेतन को बेहद पसंद करतीं थीं.
आपको बता दें कि चेतन पहले से शादीशुदा थे लेकिन वे अपनी पत्नी और बच्चों से अलग रहते थे. कहते हैं कि चेतन और प्रिया का समय काफी अच्छा गुजरा था लेकिन एक्ट्रेस की लाइफ में ट्विस्ट साल 1997 में चेतन की मौत के बाद आया. चेतन के जाने के बाद जब वसीयत के कागजात पढ़े गए तब पता चला कि फिल्ममेकर ने अपनी सारी संपत्ति प्रिया राजवंश को दे दी थी.
यह बात चेतन आनंद के दोनों बेटों को रास नहीं आई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चेतन के दोनों बेटे अपने पिता के साथ बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर फिल्म में काम किया करते थे और प्रिया से बेहद चिढ़ते थे. कहते हैं यही बात प्रिया के गले की फांस बन गई थी और इसी के चलते उनकी ह्त्या तक हो गई थी. प्रिया की ह्त्या का इल्ज़ाम चेतन के दोनों बेटों पर गया था. ख़बरों की मानें तो प्रिया का का केस आज तक अदालत में चल रहा है.
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