मुम्बई और महाराष्ट्र में 15 अप्रैल से 1 मई तक लॉकडाउन से जुड़ी पाबंदियों के मद्दनेजर किसी भी फिल्म, टीवी सीरियल्स और वेब शोज की शूटिंग करने की इजाजत नहीं होगी. ऐसे में इंडस्ट्री के मजदूरों, तकनीशियनों और कलाकारों से जुड़े तमाम संस्थाओं ने साझा तौर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को खत लिखकर कुछ जरूरी सहूलियतों की मांग की है.
फिल्म व टीवी इंडस्ट्री से जुड़े निर्माताओं व निर्देशकों की संस्थाओं के अलावा प्रमुख मनोरंजन चैनल्स को मिलाकर बनी समन्वय समिति द्वारा उद्धव ठाकरे को लिखे खत में जरूरतमंद दिहाड़ी मजदूरों, तकनीशियनों और जूनियर आर्टिस्ट्स को आर्थिक सहायता पहुंचाये जाने की अपील की गई है. खत में इंडस्ट्री में ऐसे हजारों संघर्षरत लोगों के लिए किसी तय राशि की मांग करने की बजाय इसका फैसला सरकार पर छोड़ दिया गया है कि वो ऐसे लोगों को कितनी राशि मुहैया कराने की इच्छुक है.
फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) ने इस मसले पर एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए कहा, 'इंडस्ट्री में कम से कम 50,000 दिहाड़ी मजदूर, तकनीशियन और जूनियर कलाकार ऐसे हैं जिन्हें सख्त तौर पर आर्थिक सहायता जरूरत है. अगर सरकार इंडस्ट्री के लोगों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए मान जाती है तो हम सरकार को ऐसे लोगों के तमाम डिटेल्स मुहैया कराएंगे.'
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में लागू कोरोना से संबंधित नई पाबंदियों के ऐलान के दौरान उद्धव ठाकरे ने रिक्शा चालकों, हॉकरों को 1500-1500 रुपये देने का ऐलान कर उन्हें आर्थिक सहायता देने और 7 करोड़ लोगों को अनाज मुहैया कराने की बात कही थी.
बहरहाल, फिल्म और टीवी इंडस्ट्री की ओर से ऐसे फिल्मों और टीवी सीरियल्स के पोस्ट प्रोडक्शन को जारी रखने देने भी की मांग की गई है जिनकी शूटिंग हो चुकी है. खत में कहा गया है कि चूंकि पोस्ट प्रोडक्शन का काम बंद माहौल में कम से कम लोगों की मौजूदगी में होता है तो ऐसे में पोस्ट प्रोडक्शन का काम करना पूरी तरह से सुरक्षित है. इससे शूट हो चुके फिल्मों को पूरा करने व सीरियल्स के नये एपिसोड्स को पूरी तरह से तैयार कर प्रसारित करने में भी काफी मदद मिलेगी.
मनोरंजन इंडस्ट्री की ओर से इंडस्ट्री से जुड़े तमाम मजदूरों, तकनीशियनों और कलाकारों के वैक्सीनेशन को भी प्राथमिकता देने की मांग की गई है. इसके तहत मुम्बई के फिल्मसिटी और मुम्बई से सटे मीरा-भायंदर इलाकों में वैक्सीनेशन सेंटर स्थापित किये जाने की अपील भी इस खत में की गई है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे इस खत में इंडस्ट्री से जुड़े तमाम मजदूरों, तकनीशियनों और कलाकारों को फ्रंटलाइन वर्कर्स का दर्जा दिये जाने की गुजारिश भी की गई है.
इन मांगों के अलावा सरकार से पहले से ही निर्माणाधीन फिल्म व टीवी सीरियल्स के सेट्स के काम पूरा करने की अनुमति देने की भी बात कही गई है. ऐसा नहीं करने की सूरत में फिल्म व टीवी निर्माताओं को करोड़ों के आर्थिक नुकसान झेलने व प्रवासी मजदूरों का काम छिन जाने का हवाला भी इस खत में दिया गया है.
महाराष्ट्र सरकार से उपरोक्त तमाम तरह की सहूलियतें मांगनेवाले इस खत में कोरोना की गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन किये जाने और फिल्म व टीवी इंडस्ट्री की तरफ से पूरा सहयोग करने का आश्वासन भी दिया गया है.