एक थप्पड़ की वजह से नेगेटिव रोल्स की ‘महारानी’ बन गई थीं Lalita Pawar, आज तक दी जाती है एक्टिंग की मिसाल
ललिता पवार 9 साल की उम्र से ही फिल्मों में एक्टिव थीं और उन्होंने अपने पूरे करियर में लगभग 700 फिल्मों में काम किया था.
जी हां, आज जिस एक्ट्रेस की बात हम करने जा रहे हैं वो बनने तो एक्ट्रेस ही आई थीं, सबकुछ ठीक भी चल रहा था कि अचानक एक हादसे ने उनकी किस्मत ही बदलकर रख दी थी. हम बात कर रहे हैं एक्ट्रेस ललिता पवार(Lalita Pawar) की जो एक थप्पड़ के चलते फिल्म इंडस्ट्री की सबसे फेमस केरैक्टर आर्टिस्ट बन गईं, उनके द्वारा किए गए नेगेटिव रोल्स की छाप कुछ ऐसी पड़ी कि आज तक लोग उनकी एक्टिंग की तारीफ करते हैं.
दरअसल, ललिता पवार 9 साल की उम्र से ही फिल्मों में एक्टिव थीं और उन्होंने अपने पूरे करियर में लगभग 700 फिल्मों में काम किया था. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ललिता बचपन से ही एक्ट्रेस बनना चाहती थीं लेकिन साल 1942 में फिल्म ‘जंग ऐ आज़ादी’ की शूटिंग के दौरान उनके साथ जो हुआ उसने उनकी किस्मत पलटकर रख दी. फिल्म की शूटिंग के दौरान को स्टार भगवान दादा ने ललिता को इतनी जोर से चांटा मार दिया कि उनके कान का पर्दा फट गया और एक आंख ही खराब हो गई.
बताते हैं कि सही समय पर इलाज ना मिलने के चलते ललिता पवार की एक आंख हमेशा के डैमेज हो गई साथ ही चोट के कारण शरीर के एक हिस्से में लकवा भी मार गया था. कुछ समय बाद जब ललिता पवार ने कम बैक करने की सोची तो पता चला कि हीरोइन बनने का उनका सपना हमेशा के लिए टूट चुका है. हालांकि, ललिता आने हार नहीं मानी और केरैक्टर रोल्स को स्वीकार किया, आपको बता दें कि रामानंद सागर के एपिक धारावाहिक ‘रामायण’ में ललिता पवार ने मंथरा का जो रोल निभाया उसे आज भी याद किया जाता है.
ललिता पवार की कुछ चर्चित फिल्मों में अनाड़ी, परछाईं, श्री 420 मिस्टर एंड मिसेज 55 आदि शामिल हैं. आपको बता दें कि एक्ट्रेस 24 फरवरी 1988 को यह दुनिया हमेशा के लिए अलविदा कह गईं थीं.