हिंदी सिनेमा की एक ऐसी फिल्म जिसके कलाकार, संगीत और डायलॉग्स आज भी दर्शकों को खूब एंटरटेन करते हैं, जिसका नाम है 'शोले' (Sholay). इस फिल्म का दमदार किरदार 'गब्बर' था, अगर इस किरदार के बारे में बात ना की जाए तो सही नहीं होगा. आज इस किरदार और ये किरदार फिल्मी पर्दे पर कैसे उतरा, इसी के बारे में आपको बताएंगे.


50 के दशक में मध्य प्रदेश के बीहड़ों में 'गब्बर उर्फ 'गबरा' नाम का एक असली डाकू था. जिसका डर दूर-दूर तक लोगों में हुआ करता था. इतना ही नहीं, 3 राज्यों की पुलिस ने उस डाकू के नाम पर 50 हजार रुपये का इनाम भी जारी किया हुआ था. कहा जाता था कि डाकू 'गब्बर सिंह' ने अपनी कुल देवी के सामने ये प्रण लिया था कि वो 116 लोगों की कटी नाक की भेंट चढ़ाएंगे. 'गब्बर सिंह' ऐसा एक तांत्रिक के कहने पर कर रहा था क्योंकि उसने कहा कि अगर 'गब्बर' ऐसा करेगा तो पुलिस की गोली उसे मार नहीं पाएगी.


तब तक 'गब्बर सिंह' कुल 26 लोगों की नाक काट चुका था, जिसमें कई पुलिस वाले भी शामिल थे. हालांकि फिल्म 'शोले' के 'गब्बर' की कहानी सीधे तौर पर असली 'गब्बर' से नहीं ली गई है, लेकिन फिल्म के लेखक सलीम खान मध्य प्रदेश के डाकुओं से वाकिफ थे क्योंकि उनके पिता मध्य प्रदेश की पुलिस में काम करते थे. जब सलीम खान फिल्म 'शोले' की कहानी लिख रहे थे तो उन्होंने 'गब्बर' उर्फ 'गबरा' की उन्हीं असली कहानियों में कुछ मसाला मिलाकर 'शोले' के 'गब्बर' का किरदार लिख डाला.

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