(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ashish Roy से लेकर A.K Hangal तक, तंगहाली में बीता इन सेलेब्स का अंतिम दौर, इलाज तक के लिए नहीं थे पैसे
आशीष ने इलाज के लिए आर्थिक मदद की भी गुहार लगायी थी लेकिन आखिरकार वह ज़िंदगी की जंग हार गए. वैसे, आशीष से पहले और भी कई सितारे हैं जिनके अंतिम दिन तंगहाली में गुजरे और फिर वह चल बसे.
टेलीविजन स्टार आशीष रॉय का बीमारी के चलते निधन हो गया है. 55 साल के आशीष पिछले तीन साल से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे. उनका अंतिम दौर बेहद मुश्किलों में बीता. बीमारी के चलते उनकी सारी जमापूंजी इलाज में लग गई और वह आर्थिक तंगी से जूझने को मजबूर हो गए.
आशीष ने इलाज के लिए आर्थिक मदद की भी गुहार लगायी थी लेकिन आखिरकार वह ज़िंदगी की जंग हार गए. वैसे, आशीष से पहले और भी कई सितारे हैं जिनके अंतिम दिन तंगहाली में गुजरे और फिर वह चल बसे.
एके हंगल
225 फिल्मों में काम कर चुके हंगल साहब ने 97 साल की उम्र में अंतिम सांस ली थी. उनका अंतिम समय भी बेहद तंगहाली में गुजरा. इलाज के लिए पैसे ना होने पर अमिताभ बच्चन ने उनने इलाज के लिए 20 लाख रु. की मदद की थी. भारत भूषण
पुराने ज़माने के बेहतरीन एक्टर भारत भूषण की भी आखिरी दिनों में माली हालात बेहद खराब हो गई थी. एक समय बैजू बावरा, मिर्जा ग़ालिब. सावन, बरसात की रात, बसंत बहार जैसी सुपरहिट फ़िल्में देने वाले भारत भूषण इतने ज्यादा कर्ज में डूब गए थे कि उनके पास फूटी कौड़ी नहीं बची थी. स्थिति यहां तक ख़राब हो चुकी थी कि जब वह बीमार पड़े तो इलाज के पैसे तक नहीं बचे. जब 10 अक्टूबर, 1992 को 72 साल की उम्र में उनका देहांत हुआ तो कोई अर्थी तक देने वाला नहीं था. अचला सचदेव
40 से 90 के दशक तक तकरीबन 120 फिल्मों में नज़र आ चुकीं अचला 2012 में दुनिया को अलविदा कह गई थीं. उनका अंतिम समय भी बेहद कठिनाई में बीता. पैरालिसिस होने के बाद उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी जिसके बाद वह पुणे के एक अस्पताल में भर्ती थीं जहां उनकी मौत हो गई थी.पति क्लिफर्ड डगलस पीटर्स की 2002 में हुई मौत के बाद अचला पुणे में अकेले ही एक फ्लैट में रहा करती थीं. विम्मी
सुनील दत्त के साथ फिल्म हमराज़ में नज़र आनेवाली एक्ट्रेस विम्मी का भी जीवन बेहद दुखदाई रहा. हमराज़ की सक्सेस के बाद विम्मी शराब के नशे में डूब गईं. उनके टेक्सटाइल बिजनेस में भी घाटा हुआ. इसी बीच पति ने भी उन्हें छोड़ दिया जिससे विम्मी डिप्रेशन में आ गईं. 22 अगस्त 1977 को जब उनकी मौत हुई तो कोई उन्हें कंधा देने वाला नहीं था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी लाश को ठेले पर रखकर शमशान पहुंचाया गया था. भगवान दादा
फिल्म 'अलबेला' के गाने 'शोला जो भड़के' के जरिए जबरदस्त पॉपुलैरिटी बटोरने वाले भगवान दादा के पास एक समय मुंबई के पॉश इलाके जुहू में 25 कमरों का बंगला और 7 कारें हुआ करती थीं लेकिन फ्लॉप फिल्मों ने उन्हें ऐसी नाकामयाबी दी कि वह दिवालिया हो गए. उन्हें अपने आखिरी दिन चाल में गुजारने पड़े.