नई दिल्ली: कुछ लोग इस तरह के होते हैं कि उन्हें शुरू से ही यह पता होता है कि उन्हें क्या करना है लेकिन बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान का मानना है कि जिदंगी में उनके कदम देर से जमें.


अभिनेता का कहना है कि बचपन में वह कभी हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों में होते थे तो कभी ब्रिटेन के हर्टफोर्डशायर में. उन्होंने बाहरी दुनिया पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय काफी समय आत्म निरीक्षण में बिताया.


खान ने अपनी फिल्म के प्रमोशन के दौरान कहा, ‘‘मेरे ख्याल से मैं कुछ मायनों में देर से मैच्यौर (परिपक्व) हुआ हूं. मेरा अभिनय आज निखर रहा है और यह बेहतर है. मेरे ख्याल से अभिनय एक ऐसी चीज है तो वक्त के साथ समझ और परिपक्वता आने के साथ निखरता है.’’



उन्होंने कहा, ‘‘ जब मैं विदेश में होता हूं तो मैं पूरी तरह बाहर होता हूं. तैमूर के साथ घूमता हूं या बाहर भोजन के लिए जाता हूं. यह एक सैलानी के तौर पर नहीं बल्कि सुकून के लिए होता है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘ मुंबई में रहने के दौरान मैं बहुत ज्यादा बाहर नहीं जाता हूं. घर में ही रहता हूं. इस दौरान में पढ़ता हूं, सोचता हूं और गाने सुनता हूं.’’


खान ने कहा कि जिस तरह की भूमिकाओं की वह तलाश कर रहे हैं, वह नकारात्मक किरदार हैं, लेकिन असल में वे नायक विरोधी हैं.


फिल्म ‘बाजार‘ है जो स्टॉक बाजार पर आधारित है. यह फिल्म शुक्रवार को रिलीज हो रही है. इसमें खान के अलावा रोहन मेहरा, चित्रांगदा सिंह, राधिका आप्टे भी हैं.