बर्थडे स्पेशल: जानें- आमिर की लीक से हटकर उन 10 फिल्मों को जिसने मैसेज देने के साथ बॉक्स ऑफिस पर भी मचाया धमाल
Aamir Khan Birthday: आमिर खान बॉलीवुड के उन एक्टर्स में से एक हैं जिन्होंने मजेदार अंदाज में अपनी फिल्मों के जरिए काफी अहम संदेश समाज को दिए हैं.
Aamir Khan Birthday: बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान आज अपना 54वां जन्मदिन मना रहे हैं. फिल्म इंडस्ट्री में 30 साल से भी ज्यादा का सक्सेफुल करियर बीताने वाले आमिर खान ने अपने फिल्मी सफर में कई यदगार परफॉर्मेंस दी हैं.
आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी 10 ऐसी फिल्मों के बारे में बता रहे हैं जो न सिर्फ लीक से हटकर थी, बल्कि उन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर भी कमाल दिखाया. अपनी इन फिल्मों के साथ आमिर खान ने ये साबित कर दिया कि फिल्मों में मजेदार अंदाज में भी खास संदेश दिया जा सकता है.
'कयामत से कयमात तक' - 1988
आमिर खान की पहली फिल्म 'कयामत से कयमात तक' से ही आमिर खान ने ये साबित कर दिया था कि वो इस इंडस्ट्री में लंबे समय तक ठहरने वाले हैं. हालांकि उनकी डेब्यू फिल्म 1984 में आई 'होली' थी. लेकिन बतौर एक्टर पहचान उन्हें 1988 में आई फिल्म 'कयामत से कयमात तक' से मिली. फिल्म की कहानी दो ऐसे जवां दिलों की थी जो एक दूसरे से प्यार करते हैं और अगर समाज या परिवार इनके बीच में आएगा तो वो इन बंधनों को तोड़कर भाग खड़े होंगे. दो बागी प्रेमियों की इस कहानी ने एक तरफ ये मैसेज दिया कि प्यार में कोई बंधन नहीं होता. तो साथ ही ये भी संदेश दिया कि आज का युवा समाज के खोखले बंधनों को तोड़कर उड़ना जानता है. अपनी पहली ही फिल्म को नेशनल अवॉर्ड्स में सप्शेल मेंशन मिला था.
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'लगान' - 2001
साल 2001 में रिलीज हुई आमिर खान की फिल्म 'लगान' ने देश ही नहीं विदेशों में भी दर्शकों का खूब मनोरंजन किया. आपको शायद जानकर हैरानी हो कि फिल्म 'लगान' आमिर से पहले शाहरुख खान को ऑफर की गई थी लेकिन उन्होंने इसे करने से इंकार कर दिया. इस फिल्म के लिए आमिर खान खुद प्रोड्यूसर बने और फिल्म को पूरा किया. फिल्म की कहानी अंग्रेजी शासनकाल पर फिल्माई गई है. जिसमें गुजरात के गांव की है जो सूखे की भयंकर मार झेल रहा है. सूखे की इस मार के बीच अंग्रेज लगातार गांव के किसानों पर लगान बढ़ाए जा रहे हैं. ऐसे में भुवन (आमिर खान) अंग्रेजों को उन्हीं के खेल क्रिकेट में हराने की चुनौति दे देता है और गांव वालों का लगान माफ करने की शर्त रखता है. फिल्म में दिखाया गया है कि यदि कोई चीज मन से ठान ली जाए तो उसे पूरा किया जा सकता है. आमिर खान की इस फिल्म ने सफलता के नए आयाम खड़े किए. 1957 में आई 'मदर इंडिया' और 1988 में आई 'सलाम बॉम्बे!' के बाद आस्कर में नॉमिनेट होने वाली तीसरी फिल्म बनी थी.
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'रंग दे बसंती' - 2006
आमिर खान की फिल्म 'रंग दे बसंती' उस दौर में रिलीज हुई जब देश में करप्शन अपनी चरम पर था. फिल्म में आज के युवा को जगाने के लिए भगत सिंह और राजगुरू का सहारा लिया गया. फिल्म में एक साथ दो कहानियां चल रही थी जिसमें दोनों ही की मंजिल आजादी थी. भगत सिंह की कहानी में अंग्रेजों के गुलाम थे तो वहीं दलजीत यानी DJ (आमिर खान) की कहानी करप्शन ने देश को गुलाम बनाया हुआ था. फिल्म ने युवाओं में एक अलग ही जोश पैदा किया और ये संदेश दिया कि ये देश हमारा है और इसे बेहतर बनाने का काम हमें अपने हाथों में लेना होगा. फिल्म ने 4 कैटेगरी में नेशनल अवॉर्ड्स जीते.
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'3 इडियट्स' - 2009
साल 2009 में आमिर खान की फिल्म '3 इडियट्स' ने तो मानों युवा दिलों को अपना दीवाना ही बना दिया. आज भी ये फिल्म स्टूडेंट्स की पसंदीदा फिल्मों में से एक है. फिल्म में कॉलेज स्टूडेंट्स की ऐसी कहानी को दिखाया गया है जिसमें वो करना तो कुछ और चाहते हैं लेकिन कर कुछ और रहे होते हैं. फिल्म में पढ़ाई के प्रेशर से लेकर सफल करियर तक हर एक पहलु को छुआ है. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार कमाई की और कई अवॉर्ड्स अपने नाम किए. फिल्म ने तीन नेशनल अवॉर्ड्स जीते जिनमें बेस्ट पॉप्यूलर फिल्म का अवॉर्ड भी शामिल है.
'तारे जमीन पर' - 2007
'3 इडियट्स' के बाद आमिर खान एक और फिल्म लेकर आए 'तारे जमीन पर'. आमिर खान ने खुद ही इस फिल्म निर्माण भी किया और निर्देशन भी. आमिर इस फिल्म में एक्टिंग भी करते नजर आए. फिल्म की कहानी एक ऐसे बच्चे इशान की थी जो 'डिसलेक्सिक' ( dyslexic) डिसऑडर का शिकार है. इसी डिसऑडर के कारण वो अपनी ही एक अलग दुनिया में रहता है और पढ़ाई में बहुत ज्यादा अच्छा नहीं कर पाता. वहीं, इशान के माता-पिता उसके इस डिसऑडर से अंजान हैं वो लगातार उसे डांटते हैं और बाद में उसे खुद से दूर बोर्डिंग स्कूल भेज देते हैं. जहां इशान की मुलाकात टीचर निकुंभ सर (आमिर खान) से होती है और उसकी इस बीमारी को पहचान कर इशान के माता-पिता को बताता है. इस फिल्म दर्शकों के दिलों को छू लिया था. फिल्म ने कमाई के साथ-साथ नेशनल अवॉर्ड भी अपने नाम किया.
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'तलाश' - 2012
आमिर खान की फिल्म 'तलाश' ने समाज के ऐसे तबके के विषय को उठाया जिसके बारे में कोई बात नहीं करना चाहता. फिल्म में आमिर खान सेक्स वर्कर्स की पहचान और उनकी सुरक्षा के मसले को उठाया था. फिल्म में करीना कपूर , रानी मुखर्जी और आमिर खान मुख्य रोल में थे. फिल्म में करीना कपूर एक सेक्स वर्कर के किरदार में हैं और उनका मर्डर हो जाता है. लेकिन उनके गायब होने की न तो किसी को खबर होती है और न ही कोई इसके लिए चिंतित होता है. फिल्म में इस मसले को उठाया गया है कि सेक्स वर्कर्स को भी उनकी पहचान मिलनी चाहिए. फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया था.
'PK' - 2014
आमिर खान की फिल्म पीके एक ऐसी फिल्म है जिसे दर्शकों को एक खास मैसेज दिया गया. फिल्म में धर्म के नाम पर हो रही हिंसा के मसले को लेकर एक खास संदेश दिया. फिल्म में इस मसले को दिखाया गया कि भगवान के नाम में लोग आम आदमी की भावनाओं से खेलते हैं. असल में धर्म के ठेकेदार आम आदमी को इस हिंसा के लिए उकसाते हैं और उनका ईशवर और आस्था से कोई खास लेना देना होता नहीं है. इस फिल्म को लेकर काफी विवाद भी हुआ था. हालांकि इस सब के बाद भी फिल्म को काफी पसंद किया गया और बॉक्स ऑफिस पर भी कमाल किया था.
'दंगल' - 2016
आमिर खान की फिल्म 'दंगल' हरियाणा के ऐसे परिवार की कहानी है जिसमें लड़कियों को लड़कों के बराबर मौका दिया गया. ये फिल्म में हरियाणा की महावीर फोगाट की असल कहानी को दिखाया गया है जिसमें उन्होंने हरियाणा जैसे राज्य में अपनी बेटियों को कुश्ति लड़ना सिखाया. इस दौरान उन्हें किस प्रकार से अपने ही गांव में विरोध का सामना करना पड़ा था. लेकिन पिता की मेहनत को बेटियों ने बेकार नहीं जाने दिया. फिल्म की कहानी ने दर्शकों के दिल को छुआ और बॉक्स ऑफिस पर भी इसका कमाल दिखा.
सीक्रेट सुपरस्टार - 2017
आमिर खान की 'सीक्रेट सुपरस्टार' ने देश ही नहीं विदेशों में भी कमाई के नए आयाम साबित किए. फिल्म की कहानी एक ऐसी बच्ची की है जो कुछ करना चाहती है लेकिन उसके पिता संकुचित सोच के कारण उसे आगे नहीं बढ़ने देना चाहते . ऐसे में उसकी मां उसकी ढाल बनकर सामने आती है और उसे अपने सपनों की उड़ान भरने के लिए कहती है. इस सफर में वो अपनी पहचान छुपाकर