बॉलीवुड एक्टर आमिर खान अपनी अपकमिंग फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' की शूटिंग के लिए तुर्की गए हैं. लेकिन वहां जाने के बाद वह विवादों में घिर गए हैं. आमिर ने तुर्की की पहली महिला यानि राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की पत्नी एमीन एर्दोगन से मुलाकात की. इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई. तस्वीरें सामने आने के बाद आमिर खान पर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि भारत और तुर्की के संबंध कुछ बेहतर नहीं है.


तुर्की हमेशा से भारत के विरोध में पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है. इसके साथ ही तुर्की भारत में चलने वाले कट्टर इस्लामी संगठनों की फंडिंग भी करता है. ऐसे में तुर्की की पहली महिला से मुलाकात करना आमिर पर कई तरह के सवाल खड़ा कर रहा है. हालांकि यह उनकी निजी मुलाकात थी. सोशल मीडिया पर लोग उनकी देशभक्ति पर सवाल उठा रहा है, तो कोई उन्हें हिंदू विरोधी बता रहा है. यहां तक भारतीय राजनीतिक गलियारों में भी उनकी आलोचना हो रही है. यहां हम आपको आमिर खान से जुड़े कुछ विवादों के बारे में बता रहे हैं.


नर्मदा बचाओ आंदोलन



साल 2006 में देश में सबसे बड़ा आंदोलन हुआ. इस आंदोलन का नाम 'नर्मदा बचाओ आंदोलन' आंदोलन था. समाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद मेधा पाटेकर ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया. यह आंदोजल गुजरात और मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी पर बांध बनाने के विरोध में हुआ था. मेधा पाटेकर सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर थे. जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. आमिर खान इस आंदोलन का समर्थन किया और यहां तक इस आंदोलन में शामिल भी हुए. इससे राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने आपत्ति जताई. आमिर के इस समर्थन का गुजरात में काफी विरोध हुआ. उस साल आमिर खान की आने वाली फिल्म 'फना' के खिलाफ गुजरात में सिनेमाहॉल के मालिकों ने फिल्म दिखाने से मना कर दिया था.


'पीके' विवाद



साल 2014 में आमिर की सबसे हिट फिल्मों में से एक 'पीके' रिलीज हुई. 'पीके' कई वजहों से विवादों में रही. आमिर खान का न्यूड पोस्टर और हिंदू धर्म का मखौल उड़ाने तक फिल्म काफी विवादों में रहीं. कई हिंदू संगठनों ने फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन किए और सेंसर बोर्ड से इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए भी कहा.


यहां देखिए एमीन एर्दोगन का ट्वीट-





असहिष्णुता विवाद



साल 2015 में जब देश में असहिष्णुता बढ़ने के मामले में लोग अवार्ड वापसी करवा रहे थे. तब आमिर ने भी कहा कि उन्हें भी इस देश में डर लगता है. उन्होंने कहा कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है. इतना ही नहीं, उनकी पत्नी किरण राव ने बढ़ती असहिष्णुता और डर के चलते देश छोड़ने की बात भी कह दी थी. इस पर लोगों ने दोनों पर निशाना साधना शुरू कर दिया और कहा कि फिल्मों से पैसे कमाते वक्त असहिष्णुता और डर नहीं लगता.


बेंजामिन नेत्याहू के कार्यक्रम में नहीं हुए थे शामिल


वहीं, साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी दोस्त कहे जाने वाले इजरायल की प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत आए थे. उन्हें एक ऐसे कार्यक्रम में हिस्सा लेना जहां उन्हें कई कालाकारों से मुलाकात करनी थी. इस कार्यक्रम में आमिर खान भी को भी बुलाया गया था, लेकिन वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे. जिसके बाद उनपर सवाल उठने लगे थे.


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