अलग पहचान बनाने के लिए व्यावसायिक की जगह वैकल्पिक फिल्मों को चुना: अभय देओल
अभय ने कहा कि शुरुआत में लोगों ने उनसे अपने चाचा धर्मेन्द्र और चचेरे भाई सनी देओल के कदमों के निशान पर चलने की उम्मीद की थी लेकिन अपनी पहचान बनाने के लिए उन्होंने व्यावसायिक सिनेमा की जगह वैकल्पिक फिल्मों की राह चुनी.
मुंबई: ‘देव डी’, ‘ओय लकी, लकी ओय’ जैसी लीक से हटकर फिल्मों के जरिये अपनी खास पहचान बनाने वाले अभिनेता अभय देओल का कहना है कि फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखने के बावजूद वह अपनी अलग पहचान बनाना चाहते थे इसलिये उन्होंने व्यावसायिक फिल्मों की जगह वैकल्पिक फिल्मों की राह चुनी.
अभय ने कहा कि शुरुआत में लोगों ने उनसे अपने चाचा धर्मेन्द्र और चचेरे भाई सनी देओल के कदमों के निशान पर चलने की उम्मीद की थी लेकिन अपनी पहचान बनाने के लिए उन्होंने व्यावसायिक सिनेमा की जगह वैकल्पिक फिल्मों की राह चुनी.
एक इंटरव्यू में अभय ने बताया, ‘‘फिल्मी परिवार से आने की वजह से मुझे फायदा महसूस होता है. मैंने प्रसिद्धि और फिल्म जगत को काफी करीब से देखा है और जानता हूं कि यह कैसे काम करता है, लेकिन मैं प्रसिद्धि की तरफ आकर्षित नहीं हो पाया.’’
उन्होंने बताया, ‘‘मैं स्टार नहीं बनना चाहता था, मुझे सिर्फ अभिनय से प्यार है और मैं एक अनिच्छुक अभिनेता था. इसलिये मैं सोच रहा था कि एक स्टार बने बगैर मैं इसे कैसे संभाल पाऊंगा.’’
इम्तियाज अली की फिल्म ‘सोचा ना था’ से रूपहले पर्दे पर डेब्यू करने वाले अभय ने कहा कि प्रसिद्धि जब उनके दरवाजे पर दस्तक दे रही थी तब भी उन्हें इसपर शक था.