मुंबई: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी विवाद और दीपिका पादुकोण के जेएनयू में पहुंचने पर एबीवीपी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री अनिकेत ओव्हाल ने कहा है कि दीपिका पादुकोण को बॉलीवुड एक्ट्रेस की तरह ही काम करना चाहिए. उन्हें सबसे पहले जेएनयू विषय को समझना चाहिए, उसके बाद उन्हें किसी के साथ मंच साझा करना चाहिए.
एबीवीपी का कहना है कि दीपिका पादुकोण जेएनयू में जाकर सिलेक्टिव राजनीति कर रही हैं और अगर उन्हें राजनीति करनी ही है तो वह राजनीति में सामने से आएं, जिसके बाद एबीवीपी मुद्दों पर उनसे बात करेगा.
गौरतलब है कि दीपिका पादुकोण के जेएनयू में जाने पर एक वर्ग उनसे खासा नाराज है और 10 जनवरी को रिलीज होने वाली उनकी फिल्म 'छपाक' के बॉयकॉट की मुहिम चला रहा है. जब एबीपी न्यूज़ ने एबीवीपी के छात्र नेताओं से 'छपाक' फिल्म के बायकॉट पर सवाल पूछा तो एबीवीपी का कहना है कि देश पूरा घटनाक्रम देख रहा है और देश के लोग तय करेंगे कि उन्हें क्या करना है.
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एबीवीपी छात्र संगठन है जो छात्रों के लिए काम करता है फिल्म देखना या ना देखना या विरोध करना इस पर एबीवीपी कोई बयान नहीं देना चाहता. एबीवीपी का कहना है कि दिल्ली में ही निर्भया केस पर फैसला आया जिसपर दीपिका पादुकोण ने एक शब्द नहीं कहा और ना ही वह निर्भया के माता-पिता से मिलने पहुंची.
उन्होंने कहा, "जेएनयू में जब फीस बढ़ोतरी का मुद्दा था तब भी दीपिका पादुकोण गायब थीं, लेकिन दो दिन बाद उनकी फिल्म आ रही है, जिसके लिए उन्हें पब्लिसिटी करने का अच्छा मंच मिल गया और इसी योजना के तहत उनकी पीआर टीम फिल्म का प्रमोशन कर रही है."
एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री अनिकेत ओव्हाल ने कहा कि ऐसी तस्वीर दिखाने का काम हो रहा है कि जेएनयू में एबीवीपी मारपीट कर रही है, लेकिन पिछले 2 महीने से वामपंथी संगठन ने आग लगाने का काम किया है. जेएनयू में 34 घायलों में से 23 छात्र एबीवीपी से जुड़े हुए हैं.
मुंबई में मेहर मिर्जा प्रभु नाम की लड़की द्वारा गेटवे ऑफ इंडिया पर फ्री कश्मीर प्लेकार्ड दिखाने पर एबीवीपी का कहना है कि यह बहुत बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है, जिसके पीछे अर्बन नक्सल लोग हैं.
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