मुंबई: कोरोना से संक्रमित लोकप्रिय यूट्यूबर, सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर और एक अभिनेता के तौर पर अपनी पहचान रखनेवाले राहुल वोहरा ने दिल्ली के द्वारका स्थित आयुष्मान अस्पताल में आज सुबह तकरीबन 6.30 दम तोड़ दिया. वो महज 35 साल के थे.
उल्लेखनीय है कि राहुल वोहरा 8 दिन तक दिल्ली में ताहिरपुर स्थित राजीव गांधी अस्पताल में भर्ती थे मगर वो अस्पताल के इलाज से नाखुश थे. ऐसे में अपनी दिनों-दिन बिगड़ती तबीयत के चलते वो किसी अच्छे अस्पताल में भर्ती होकर अपना इलाज करवाना चाहते थे. इस सिलसिले में उन्होंनेअपनी मौत से एक दिन पहले ही फेसबुक पोस्ट में लिखा था - "मुझे भी ट्रीटमेंट अच्छा मिल जाता तो मैं भी बच जाता, तुम्हारा Irahul Vohra". इस पोस्ट में उन्होंने अपने अस्पताल से संबंधित तमाम डीटेल्स डालने के अलावा प्रधानमंत्री मोदी और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी टैग किया था.
रविवार की दोपहर को राहुल वोहरा के अंतिम संस्कार से लौटे अस्मिता थिएटर ग्रुप के प्रमुख और निर्देशक अरविंद गौड़ ने राहुल की मौत के सिलसिले में एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, "राहुल को शनिवार को ही हमने राजीव गांधी अस्पताल से निकालकर दिल्ली के द्वारका स्थित आयुष्मान अस्पताल में भर्ती कराया था. मगर अफसोस की बात है कि इसके बावजूद भी हम राहुल को नहीं बचा सके."
अरविंद ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, "कोरोना की वजह से राहुल के फेफड़े 95 फीसदी तक क्षतिग्रस्त हो चुके थे. एक हफ्ते पहले बुखार और कोरोना के अन्य लक्षणों के चलते वो राजीव गांधी अस्पताल में दाखिल हुए थे."
राहुल ने 4 मई को अस्पताल में भर्ती होने के बाद फेसबुक पोस्ट पर लिखा था, "मैं कोविड पॉजिटिव हूं. एडमिट हूं. लगभग चार दिनों से कोई रिकवरी नहीं है. क्या कोई ऐसा अस्पताल है जहां ऑक्सीजन बेड मिल जाए... क्योंकि यहां मेरा ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरता जा रहा है और कोई देखने वाला नहीं है."
एक चर्चित यूट्यूबर बनने से पहले राहुल 2006 से 2011 के बीच अरविंद गौड़ के थिएटर ग्रुप से जुड़े रहे और इस बीच राहुल ने उनके साथ कई नाटकों में काम किया था. उन्होंने नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई फिल्म 'अनफ्रीडम' में भी काम किया था. उत्तराखंड के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखनेवाले राहुल वोहरा को वर्तमान की सामाजिक परिस्थितियों व मुद्दों पर वीडियोज बनाने के लिए जाना जाता था. उनके बनाये 'तलाक', 'पाकिस्तान चले जाओ', 'वो हमारे कभी नहीं हो सकते' जैसे वीडियोज काफी लोकप्रिय हुए थे.
अरविंद कहते हैं, "वो एक बेहद ही प्रतिभाशाली कलाकार और एक बहुत ही होनहार छात्र था. अभी पिछले साल ही ही उसकी शादी हुई थी. वो अपनी मां का अकेला बेटा था और उसकी एक बहन भी है. उसके अंतिम संस्कार से लौटने के बावजूद मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि वो हमारे बीच से यूं चला गया है."
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