शत्रुघ्न सिन्हा ने इस पर बात करते हुए कहा, "मैं अपने आपको भाग्यशाली मानता हूं कि आज के इस जमाने में, अभी तक, मेरी तमाम हरकतों के बावजूद मेरा नाम # MeToo की श्रेणी में नहीं आया. इसीलिए मैं कई बार मैं पत्नी की बात मानता हूं और पत्नी को कवच बनाकर साथ लेकर चलता हूं कि देखिए कुछ न भी हो तो (लोगों को लगे कि) मैं शादीशुदा हूं, खुशहाल आदमी हूं, पत्नी को देवी मानता हूं... मेरी पत्नी है, देवी हैं... अब कोई कुछ कहना भी चाहें तो कुछ मत कहना. अगर यहां भी मेरी कोई पुरानी सहेली (मौजूद हो) तो मेरा जरा ध्यान रखना."
शत्रुघ्न सिन्हा ने #MeToo का एक तरह से मजाक उड़ाते हुए ध्रुव सोमानी फिल्मों पर आधारित किताब 'टच ऑफ इविल' के लॉन्च के दौरान ये बातें कही. इस मौके पर उनकी पत्नी पूनम सिन्हा भी मौजूद थीं.
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि कहावत के मुताबिक जिस तरह से किसी मर्द कि कामयाबी के पीछे एक औरत का हाथ होता है, आजकल #MeToo के इस दौर में मर्दों की नाकामी, बदनामी और परेशानी के पीछे भी बहुत हद तक औरतों का हाथ होता है.
बाद में जब शत्रुघ्न सिन्हा को याद दिलाया गया कि उन्होंने #MeToo जैसे संजीदा मूवमेंट का एक तरह से मजाक उड़ाया है तो उन्होंने फौरन अपनी सफाई देते हुए कहा, "इस बात को अन्यथा न लिया जाए. इसे सेंस ऑफ ह्यूमर की तरह ही लिया जाए. मैंने उन औरतों का सम्मान करता हूं जिन्होंने देर से ही सही आगे आने का साहस दिखाया. मैं उनके साहस को सलाम करता हूं."