92 साल की आयु में अभिनेता श्रीराम लागू का पुणे में निधन
92 साल के अभिनेता श्रीराम लागू का आज पुणे के अस्पताल में निधन हो गया. श्रीराम लागू का गुरुवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा.
मुंबई: अभिनेता श्रीराम लागू का आज पुणे में निधन हो गया. श्रीराम लागू 92 साल के थे. उनका गुरुवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा. श्रीराम लागू का जन्म 16 नवंबर 1927 में महाराष्ट्र के सतारा में हुआ था. वे एक मझे हुए थियेटर कलाकार थे. खास बात ये है कि जितना उनके अभिनय को फिल्मों में सराहा गया उससे कहीं अधिक थियेटर के विकास में उनके योगदान को लेकर उनकी प्रशंसा होती थी.
अभिनेता श्रीराम लागू के निधन पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और नितिन गडकरी ने दुख जताया है. जावड़ेकर ने ट्वीट कर कहा, ''महान कलाकार श्रीराम लागू को मेरी श्रद्धांजलि. हमने एक बहुमुखी व्यक्तित्व को खो दिया है. अद्वितीय थिएटर अभिनेता ने सिल्वर स्क्रीन पर अपना दबदबा बनाया और प्रभाव पैदा किया. वह एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थे.''
वैचारिक भान असलेले प्रयोगशील रंगकर्मी म्हणून डॉ. लागूंचा मोठा प्रभाव कलाक्षेत्रावर आहे. जुन्याजाणत्यांपासून ते होतकरू कलावंतापर्यंत सर्वांना त्यांचा आधार वाटायचा. त्यांच्या निधनाने महाराष्ट्र एका प्रतिभासंपन्न अभिनेत्याला पारखा झाला. त्यांना भावपूर्ण श्रद्धांजली! pic.twitter.com/2KjzKkia80
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) December 17, 2019
My tributes to all time great artist Shreeram Lagoo. We have lost a versatile personality. A unique theatre actor dominated silver screen and created impact. He was social activists simultaneously.
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) December 17, 2019
ज्येष्ठ अभिनेते श्रीराम लागू यांच्या निधनाने मराठी नाट्यसृष्टीचे कधीही भरून न निघणारे नुकसान झाले आहे. पिंजरा, सामना यांसारखे चित्रपट आणि नटसम्राट, हिमालयाची सावली यांसारख्या अजरामर नाटकांमधून त्यांनी मराठी चित्रपट-नाट्यसृष्टी जीवंत केली. माझी डॉ लागू यांना विनम्र श्रद्धांजली.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) December 17, 2019
डॉ लागू ने हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया. उन्होंने करीब 100 से अधिक फिल्मों में चरित्र भूमिका निभाई. 1978 में फिल्म घरौंदा के लिए डॉ लागू को सर्वेश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया. फिल्मों और नाटकों में अभिनय करने से पहले डॉ लागू कुछ वर्षों तक अफ्रीका में भी रहे जहां उन्होंने एक चिकित्सक के तौर पर काम किया. बाद में वे भारत लौट आए और थियेटर में सक्रिय हो गए. 70 के दशक तक आते आते डॉ लागू देश में एक अच्छे थियेटर कलाकार के रूप में स्थापित हो चुके थे.
डॉ लागू प्रसिद्ध नाटक नट सम्राट के पहले हीरो थे. इस नाटक को प्रसिद्ध लेखक कुसुमाग्र ने लिखा था,जिसमें उनके अभिनय को आज भी याद किया जाता है. खुद्दार,औरत तेरी यही कहानी, काला बाज़ार, विधाता और लावारिस ऐसी फिल्में है जिसमें उनके शानदार अभिनय के लिए आज भी याद किया जाता है.