कृष के आरोपों को लेकर उन्हें फिल्म इंडस्ट्री से काफी समर्थन मिल रहा है. इस लिस्ट में सबसे ऊपर नाम है एक्ट्रेस पूजा भट्ट का. कृष के समर्थन में बात करते हुए पूजा भट्ट ने कहा कि ये वो इंडस्ट्री नहीं है जिसमें वो पैदा हुईं थी.
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पूजा भट्ट ने ट्वीट कर लिखा, 'ये हर पैमाने पर गलत है, ये वो इंडस्ट्री नहीं है जहां मैंने कभी जन्म लिया था या जिसे मैं आगे बढ़ाना चाहूंगी. अंत में ये सब क्रेडिट की ही तो कहानी है. पैसा आता जाता रहता है लेकिन फिल्म मेकिंग का सबसे पहला उसूल यही है कि लोगों को उनके योगदान के लिए क्रेडिट दिया जाए.'
पूजा भट्ट के इस ट्वीट को कोट करते हुए लेखक अपूर्व असरानी ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ''इसका समर्थन करने के लिए शुक्रिया , दो साल पहले इसी सपोर्ट के लिए मैं तरस गया जब उन्होंने (कंगना रनौत ) मेरे साथ भी ऐसा ही किया था. लेकिन आपके द्वारा की गई निंदा से मैं खुश हूं.''
बता दें कि कंगना की फिल्म सिमरन की कहानी के लेखन को लेकर भी विवाद हुआ था. जिसमें लेखक अपूर्व असरानी ने उन्हें इसकी कहानी को लेकर क्रेडिट न दिए जाने का आरोप लगाया था.
इसके जवाब में पूजा भट्ट ने लिखा, मैं माफी चाहूंगी अगर ऐसा हुआ था तो मैं तो मेरी सपोर्ट के लिए आपको तरसना क्यों पड़ा. उस दौरान जो हुआ मेरे पास उसकी जानकारी जरा अलग थी इसलिए मैंने उस मामले पर प्रतिक्रिया नहीं दी. जबकि मैंने हमेशा ये कहा कि है कि उस मामले में हंसल की चुप्पी अजीब और अन्यायपूर्ण लगी.
क्या है निर्देशक कृष का आरोप
इस फिल्म के डायरेक्टर राधाकृष्ण जगर्लामुदी (कृष) हैं. साथ ही डायरेक्शन का क्रेडिट कंगना रनौत ने भी लिया है. कृष ने जब फिल्म छोड़ दी तभी से उनके और कंगना रनौत के अनबन की खबरें थीं. फिल्म की रिलीज के बाद कृष ने अपना पक्ष रखा है.
हाल ही में यह पूछे जाने पर कि 'मणिकर्णिका' का आपने कितना निर्देशन किया है, इसे लेकर कई अटकलें हैं तो कृष ने कहा, "आपका मतलब पर्दे पर देख रहे हैं क्या उससे है? मैंने फिल्म देखी है. मैं कहूंगा कि यह 70 फीसदी मेरी है. मैंने रिलीज होने तक चुप्पी साधे रखी. मुझे फिल्म के लिए और पूरी टीम के लिए जिन्होंने कड़ी मेहनत की उनकी खातिर चुप रहना पड़ा.''
उन्होंने कहा ''अगर अब मैंने इस बारे में नहीं बोला कि कंगना ने फिल्म के साथ क्या किया तो मैं अपनी सारी मेहनत पर पानी फेर दूंगा. कई लोगों ने मुझे सलाह दी कि फिल्म को मेरे हाथ से लिए जाने के बाद मुझे बोलना चाहिए. मैं कहूंगा कि मैंने जो निर्देशन किया था, वह शुद्ध सोने जैसा था. कंगना ने इसे चांदी में बदल दिया." यहां पढ़ें विस्तार से