Adipurush Protests: फिल्म आदिपुरुष से उठा विवाद रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. फिल्म के स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स में प्रभु राम और हनुमान की छवि धूमिल करने की वजह से अब फिल्म को बैन करने की मांग उठ रही है. ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री से फिल्म को बैन करने की डिमांड की है. उनका कहना है कि यह फिल्म हिंदुओ और सनातन धर्म की भावनाओ को आहत कर रहा है.
ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने बैन की मांग की
एसोसिएशन का कहना है कि भारत में प्रभु राम सभी के लिए भगवान समान हैं, चाहें वह किसी भी धर्म के हों. फिल्म के अंदर प्रभु राम और रावण एक वीडियो गेम के किरदार जैसे लग रहे हैं, जिससे दुनिया भर में रह रहे भारतीयों की आस्था को तकलीफ पहुंची है. हम प्रधानमंत्री से गुजारिश करते हैं कि वह इस फिल्म की स्क्रीनिंग को तुरंत बैन करें और थिएटर या ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी इसे भविष्य में ना आने दिया जाए. हम डायरेक्टर ओम राउत, लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला और फिल्म के प्रोडक्शन हाउस पर हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ करने और भगवान श्रीराम, मां सीता और राम सेवक हनुमान के गलत प्रदर्शन की वजह से एफआईआर दर्ज करना चाहते हैं.
हिंदू महासभा ने दर्ज की शिकायत
आम जनता भी फिल्म के विरोध में सड़कों पर उतर आई है. भारत के अलग-अलग शहरों के थिएटरों के बाहर फिल्म के खिलाफ नारेबाज़ी की जा रही है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में प्रदर्शनकारी मुर्दाबाद, हिंदू धर्म का अपमान बंद करो, मां सीता का अपमान बंद करो जैसे नारे लगाते दिख रहे हैं. वाराणसी में लोगों ने फिल्म के पोस्टर फाड़ दिए तो वहीं हिंदू महासभा ने सोमवार को लखनऊ पुलिस में फिल्म के मेकर्स के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
सोमवार को दिल्ली और महाराष्ट्र के पालघर जिले के थिएटरों में लोगों के समूह ने फिल्म की स्क्रीनिंग रोक दी. उनका कहना है कि फिल्म ने हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया है.
अयोध्या के संतों ने भी जताई नाराजगी
अयोध्या के संतों ने भी फिल्म के बैन की मांग की है. राम जन्मभूमि के पुजारी आचार्य सतेंद्र दास का कहना है कि फिल्म के डायलॉग शर्मसार करने वाले हैं. इस फिल्म को तुरंत बैन कर देना चाहिए. भगवान राम, हनुमान और रावण को एकदम अलग तरीके से दिखाया गया है. हमने आज तक जो देखा और पढ़ा है. यह उससे बिल्कुल अलग है.
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