गायक अदनान सामी ने हाल ही में उन लोगों को जबरदस्त जवाब दिया है, जो उन्हें पद्मश्री मिलने पर लगातार सवाल खड़ा कर रहे थे. गायक ने कहा कि वह संगीतकार हैं और उन्हें राजनीतिक बहस में नहीं घसीटा जाना चाहिए. सामी को पद्मश्री दिए जाने की घोषणा के बाद से ही कई लोगों को लगा कि पाकिस्तानी मूल के होने के कारण वे इस सम्मान के हकदार नहीं हैं. यह बातें भी उठीं कि जहां सामी ने सिर्फ चार साल पहले ही भारतीय नागरिकता का विकल्प चुना है, वहीं उनके पिता पाकिस्तान के पूर्व सैन्यकर्मी हैं जिन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी.


वहीं सामी ने कहा था कि उनके पिता के कार्य के लिए वह जिम्मेदार नहीं हैं.


गायक ने अपने नए गाने 'तू याद आया' की लॉन्चिग पर कहा, "यह सारी चीज राजनीति है. मैं कोई राजनेता नहीं हूं. मैं संगीतकार हूं. जैसे आप किसी नेता से राग दरबारी के बारे में नहीं पूछेंगे, वैसे ही मुझसे भी राजनीति के बारे में मत पूछिए. इन सब से परे मैं बस इतना जानता हूं कि मैं एक संगीतकार हूं. मैं संगीत के माध्यम से प्यार बांटता हूं."


सिंगर-म्यूजीशियन अदनान सामी का कहना है कि पद्म श्री मिलने के बाद वह खुद को अपने काम के प्रति और भी जिम्मेदार महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "यह वाकई में अनमोल है. मुझे लगता है कि जब आपको पद्म श्री जैसे किसी प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है, तो इससे जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. अब मैं और अधिक कोशिश करने और ज्यादा बेहतर करने की दिशा में जिम्मेदारी का एक जबरदस्त एहसास महसूस कर रहा हूं."


कई विपक्षी राजनेताओं सहित तमाम भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स ने सामी को पद्म श्री से सम्मानित करने के लिए सरकार की आलोचना की. लोगों का कहना है कि एक ऐसे वक्त में जब पाकिस्तान के साथ देश के संबंध अच्छे नहीं है, सामी को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाना उचित नहीं है. कई लोगों का ऐसा भी मानना है कि भारत में कई ऐसे और योग्य संगीतकार हैं जिन्हें अनदेखा कर दिया गया है. हालांकि सामी इन आलोचनाओं को लेकर चिन्तित नहीं है.


मुंबई में अपने नए गीत 'तू याद आया' के लॉन्च पर उन्होंने कहा, "अगर किसी को यह बात पसंद नहीं है, तो कोई बात नहीं. मैंने उन्हें माफ कर दिया है. ये बेचारे लोग हैं और उम्मीद करता हूं उन्हें इससे सीख मिलेगी. अगर कुछ गिने-चुने लोगों को यह पसंद नहीं, तो इसका कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि 130 करोड़ लोगों ने इस निर्णय को पसंद किया, तो वे कौन होते हैं? इन्हें दूर ही रखा जाना चाहिए."


अदनान आगे कहते हैं, "सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस क्षेत्र में मुझे यह पुरस्कार दिया गया है वह कला और संगीत है. अपने प्रशंसकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी से मैं अवगत हूं. मेरा देश मेरे पेशे से है, जो संगीत है."


उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा, "इसलिए आमतौर पर एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, मेरी जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि मैं अपने पेशे के माध्यम से अपना सर्वश्रेष्ठ दूं, जो कि संगीत है, जिसके चलते मुझे सम्मानित किया गया है और संगीत के माध्यम से ही उन्हें अपना प्यार दूं."


देश के 71वें गणतंत्र दिवस पर अदनान सामी को पद्म श्री दिया गया. गृह मंत्रालय ने सामी सहित 118 लोगों की एक सूची जारी की. इस पुरस्कार ने भारत में सामी के योगदान को मान्यता दी.


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