सेंसर बोर्ड की आपत्ति के बाद इफ्फी में नहीं प्रदर्शित हुई 'एस दुर्गा', कोर्ट ने दे दिया था आदेश
हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद भी 'ए दुर्गा' को IFFI 2017 में प्रदर्शित नहीं किया जा सका जिसका कारण सेंसर बोर्ड की आपत्ती था.
पणजी: मलयालम फिल्म 'ए दुर्गा' अपने टाइटल को लेकर काफी समय से विवादों में बरकरार है. फिल्म को 48वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में प्रदर्शित करने के लिए सनल कुमार शशिधरन जी जान से कोशिश कर रहे थे लेकिन उनके ये प्रयास विफल ही रहे. फिल्म 'एस दुर्गा' विवाद में एक नया मोड़ आया है. जिसके कारण ये फिल्म इफ्फी में प्रदर्शित नहीं हो सकी है. बता दें इस फिल्म फेस्टिवल का मंगलवार को समापन हो गया है.
टंडन ने शशिधरन को लिखे पत्र में कहा है, "जूरी द्वारा फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद फिल्म के टाइटल के संबंध में प्रमाणीकरण से संबंधित कुछ मुद्दे उठाए गए थे. यह स्पष्टीकरण के लिए सीबीएफसी के पास भेजा गया. सीबीएफसी के आदेश के नतीजे के रूप में इस मुद्दे का समाधान होने तक फिल्म प्रदर्शित नहीं हो सकती."
इस फिल्म को एक अन्य फिल्म 'न्यूड' के साथ इफ्फी में नहीं दिखाने का फैसला सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने लिया था जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था.
शशिधरन ने न्याय पाने के लिए पिछले हफ्ते केरल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने जूरी के लिए फिल्म का सेंसर किया हुआ संस्करण प्रदर्शित किए जाने के बाद इफ्फी को महोत्सव में फिल्म की स्क्रीनिंग करने के आदेश दिए थे.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जूरी ने सोमवार रात को फिल्म की स्क्रीनिंग के पक्ष में 7-4 से वोट दिए गए.
सीबीएफसी का कहना था कि फिल्म के शीर्षक में बदलाव कर 'सेक्सी दुर्गा' से 'एस दुर्गा' करने और इसके बाद 'एस (फिर तीन हैशटैग के चिन्ह) दुर्गा' किए जाने में समस्या है और सोमवार को इसे देखने वाली इंडियन पैनोरमा जूरी के सदस्यों ने शीर्षक में बदलाव को लेकर आपत्ति की है.
फिल्म को नहीं दिखाए जाने के खिलाफ शशिधरन और फिल्म में भूमिका निभाने वाले कनन नायर ने इफ्फी स्क्रीनिंग के स्थल के पास सांकेतिक प्रदर्शन किया.