मुंबई: दीपिका पादुकोण जेएनयू में हिंसा के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन में शामिल क्या हुईं, उनके इस कदम की कड़ी आलोचना हो रहीं है, उनपर राजनीतिक हमले हो रहे हैं और उ‌नके इस फैसले को अपनी फिल्म 'छपाक' को बॉक्स ऑफिस पर हिट कराने का टोटका माना जा रहा है.


उल्लेखनीय है कि 10 जनवरी को 'छपाक' के साथ ही अजय देवगन की 'तानाजी - द अनसंग वॉरियर' भी रिलीज हुई है और कहा जा रहा है 'तानाजी' के मुकाबले बॉक्स ऑफिस पर कमजोर पड़ने की आशंका के चलते ही दीपिका पादुकोण ने ऐन वक्त पर जेएनयू में प्रदर्शन में शामिल होकर सुर्खियां बटोरने का फैसला लिया था.


दीपिका के इसी कदम पर अजय देवगन ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की और इस मसले पर अपनी राय रखी.


अजय देवगन ने कहा, "हर शख्स को अपनी सोच रखने और अपना काम करने का हक है. मैं कोई नहीं होता हूं यह कहने के लिए कि किसी ने सही किया है या गलत किया है. मुझे अपने आप में ही बहुत कम वक्त मिलता है (कुछ करने के लिए)... तो दूसरे क्या कर रहे हैं, ये देखने का... किसी के बारे कुछ कहने का मुझे को हक भी नहीं है. मुझे नहीं लगता है कि मैं आपके इस सवाल का जवाब (ठीक से) नहीं दे सकता हूं. आप कुछ करना चाहते हैं, यह आपकी मर्जी है. इससे आपको रोक नहीं सकता हूं."


अजय देवगन ने जेएनयू में हुई हिंसा और उसके बाद देशभर में हुए बवाल पर भी अपनी राय रखी और कहा, "हिंसा किसी भी चीज का कोई हल नहीं है. न देश का भला हुआ है न किसी का भला हुआ है. हम (कभी) लड़े हैं तो उनसे लड़े हैं जिन्होंने हमारे देश पर हमला किया था. हम कभी आपस में लड़े ही नहीं, न लड़ना चाहिए. हर चीज का सोल्यूशन है. सबसे जरूरी चीज है धैर्य और एक दूसरे पर भरोसा, एक दूसरे से डायलॉग. संवाद से बढ़िया कोई चीज नहीं हो सकती है."


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